सिंगरौलीसोनभद्र

*पत्रकारों के आर्थिक मदद के लिए प्रशासन, औद्योगिक संस्थान , सांसद व विधायक को बढ़ाना चाहिए हाथ*- जिलाध्यक्ष

 

*कोरोना लॉकडाउन से जिले के पत्रकारों पर जबरदस्त आर्थिक संकट*

 

अनपरा/सिंगरौली-
वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में भारतीय मीडिया में व्याप्त संकट अत्यधिक भयावह रुख अख्तियार कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था के संकट ने दुनिया के साथ ही मीडिया के आर्थिक तंत्र की भी कमर तोड़ दी है। खासतौर से प्रिंट मीडिया सबसे बुरे दौर में है। प्रिंट मीडिया संस्थानों का एक मात्र आय के स्रोत *विज्ञापन* के बंद होने से जहाँ जिले के कई *ब्यूरो कार्यालय* बंद होने के कगार पर हैं तो वहीं प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व वेव चैनल से जुड़े पत्रकारों के सामने जबरजस्त आर्थिक तंगी की भयावह खायी दिख रही है। कोरोना महामारी के दौर में भी जान जोखिम में डाल कर न्यूज कवरेज करने वाले देश के चौथे स्तंभ के लिए *शासन-प्रशासन व जिले के जनप्रतिनिधियों* द्वारा आर्थिक मदद के लिए अब तक आगे ना आना चिंतनीय है।

उक्ताशय के व्यंगात्मक कटाक्ष सह उद्गार *मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष धीरेंद्र धर द्विवेदी* के हैं, जिन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से आर्थिक संकट से जूझ रहे व कुछ जूझने के कगार पर पहुंच चुके पत्रकार साथियो की मदद के लिए अब तक आगे नही आने वाले शासन प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथ लेते हुए पत्रकार साथियों की आर्थिक चिंता पर व्यक्त किया।
*श्री द्विवेदी* ने आगे कहा कि “कोरोना संकट के लॉकडाउन के चलते जो संकट प्रिंट व अन्य मीडिया उद्योग पर ऊपरी तौर पर दिख रहा है, वास्तव में संकट उससे भी बड़ा व भयावह है। कोरोना की वजह से देश प्रदेश के साथ जिले के पत्रकारों के सामने आई भारी आर्थिक संकट के समय जिले की सांसद, विधायक औद्योगिक इकाइयों के सीएसआर विभाग द्वारा किसी भी तरह से सहयोग के लिए आगे नही आना ना केवल चिंतनीय है बल्कि घोर निंदनीय है। जिले के प्रतिनिधियों के सांसद व विधायक निधि में लाखों रुपये पड़े हैं लेकिन किसी विधायक व सांसद ने आज तक पत्रकारों के सामने आए आर्थिक तंगी का नाही सुध लिया और नाही किसी तरह के आर्थिक मदद की घोषणा किया।जिलाध्यक्ष श्री द्विवेदी ने जिले के सांसद , विधायक , जिला प्रशासन व औद्योगिक इकाइयों के सीएसआर विभागों आदि से जिले के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को उचित आर्थिक मदद देने की मांग की है। श्री द्विवेदी ने पत्रकारों के सामने आए आर्थिक संकट व बंद होने के कगार पर पहुंच चुके ब्यूरो कार्यलयों पर चिंता जाहिर करते हुए जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि न्यूज संस्थानों के आय के स्रोत विज्ञापन बंद होने से पत्रकारों पर आई आर्थिक संकट से उन पर आश्रित परिवारों पर गरीबी की भारी मार दिख रही है। बकौल श्री द्विवेदी प्रिंट , टीवी व सोशल मीडिया, उनके फील्ड रिपोर्टर, सहयोगी स्टाफ, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट सभी के स्वास्थ्य पर संकट भी खड़ा हो रहा है। बड़ी तादाद में कोरोना संक्रमण रोगियों वाले अस्पतालों में समाचार संकलन करने वाले मीडिया कर्मियों की जान खतरे में पड़ने की आशंका बलवती है
काम के दौरान पत्रकारों को सुरक्षा के बारे में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को न तो कोई दिशा निर्देश दिए गए हैं और ना ही राज्य सरकारें इस काम के लिए आगे आयी हैं। नतीजन पत्रकारो पर आर्थिक तंगी के साथ उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा की प्रशासनिक चिंता भी हासिये पर पहुंच गयी है।

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