सिंगरौलीसोनभद्र

व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया पहला अर्घय

कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकति जाय

वली अहमद सिद्दीकी,

सिंगरौली  मप्र0
सिंगरौली।
सूर्य उपासना का प्रतीक छठ पर्व के तीसरे दिन पूरे सिंगरौली में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। पूरे ऊर्जा नगरी में छठ की अदभुत छटा देखी गयी। बैढऩ ,मोरवा, निगाही, जयंत, झिंगुरदा बरगवां सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी छठ की बेमिसाल छटा देखने को मिली यहां के सभी घाट छठ के रंग में रंगे दिखे। छठ व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अध्र्य दिया और विधि विधान से पूजा कर छठी मैया से अपनी मनोकामना पूरी करने का आशीर्वाद मांगा। इस अवसर पर चारों ओर पहले पहिल छठी मैया…..ए सुन लेहु अरज हमार हे छठी मैया…..एसेइ ले चरण तोहार , छठी मैया, कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकति जाय … जैसे पारंपरिक गीत गूंजते रहे हर घाट पर चाहे वह बैढऩ का गनियारी निगाही का अरविंद ईश्वर मंदिर घाट बैढऩ के बड़ा तालाब रोड घाट या फि र अन्य जगहों के घाट हो सभी जगह उत्सव और आस्था का माहौल दिखाई दिया बुधवार को डूबते सूरज को अध्र्य देकर महिलाओं ने अपने परिवार पुत्र की लंबी आयु हेतु सूर्य भगवान से मनोकामना की याचना की। गुरुवार को अल सुबह उगते सूरज को अध्र्य देकर व्रत का पारण होगा। पूरी सिंगरौली में जगह-जगह छठ पूजा का आयोजन किया गया पूजा स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था । सुबह से ही घरों और घाट स्थलों पर अध्र्य की तैयारियां चल रही थी। मौसमी फ ल और सब्जियों की खरीदारी को बाजार में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। सूर्य भगवान को अघ्र्य देने के लिए बांस के सूप में व्रतियों ने फ ल व सब्जियों को सजाया और पूरे प्रसाद को टोकरी में रख छठ पूजा के लिए घाटों पर पहुंचे। इस अवसर पर व्रतियों ने छठ पूजा का महाप्रसाद ठेकुआ को भी अपनी सुप में सजाया था।
व्रतियों ने की परिवार की सुख और समृद्धि की कामना
ऊर्जानगरी मेंं सभी छठ घाटों के घाट पर छठी मैया के गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा। छठ पर्व के सभी घाट के दोनों तरफ सूर्य की उपासना की भीड़ उमड़ पड़ी और उनके परिवार के सदस्यों ने घाट के किनारे बनाई गई बेदी पर उपासना की। जिसके बाद अस्त होते सूर्य को अध्र्य देने के साथ ही छठी मैया की पूजा अर्चना की गई। परंपरा अनुसार व्रतियों ने उपवास रख मुख्य पकवान ठेकुआ बनाया और मौसमी फ ल मूली सिंघाड़ा गन्ना नारियल दूध आदि पूजन सामग्री के साथ छठ घाटों पर पहुंचे जहां ढलते हुए सूर्य की उपासना कर व्रती महिलाओं ने संतान की रक्षा और परिवार की सुख शांति के लिए भगवान सूर्य देव और छठी मैया से प्रार्थना की।
सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा पर व्रती महिलाओं ने नदियों एवं घाटों में उतर कर अस्ताचलगामी सूर्य को अध्र्य दिया। मोरवा छठ घाट, रेलवे स्टेशन के समीप बने घाट, एनसीएल कॉलोनी स्थित छठ घाट व झिगुरदा घाट पर भी स्थानीय लोगों ने छठ पर्व पर डूबते हुए सूर्य को अध्र्य देकर अपने पुत्र की दीर्घायु और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। दोपहर बाद व्रती महिलाएं अपने परिवार संग घाटों पर प्रस्थान करने लगीं। परिजन सिर पर सूप व हाथों में गन्ना लिए व्रती महिलाओं संग घाटों पर पहुंचे। वहाँ पहुँच कर बनाए गए वेदी पर सूप रख कर छठ माता का ध्यान लगाया गया। सूर्य अस्त होने से पूर्व व्रती महिलाओं ने तालाब में स्नान कर डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया और फि र अपने वेदी स्थल पहुँच कर अपने-अपने सूप पर घी के दीपक जलाकर छठ मईया का ध्यान लगा अपनी मन्नतें मांगी।
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सीधी में भी मनाया गया छठ का महापर्व
सूर्य उपासना के महापर्व छठ सीधी में भी धूमधाम से मनाया गया। नदियों, तालाबों एवं मंदिरों में पोखरा बनाकर व्रती महिलाओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अघ्र्य दिया। व्रती महिलाओं ने प्रेम नगर कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर सूखा नदी के किनारे छठ मैया की वेदी बनाकर पूजा अर्चना की। इसी बीच परिजनों द्वारा आतिशबाजी भी की गई।
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