उत्तर प्रदेश

पोषण पुनर्वास केंद्र का पुनः संचालन हुआ प्रारंभ कुपोषित बच्चों का सुचारू रूप से हो सकेगा उपचार

पोषण पुनर्वास केंद्र का पुनः संचालन हुआ प्रारंभ
कुपोषित बच्चों का सुचारू रूप से हो सकेगा उपचार

सोनभद्र:कोविड-19 संक्रमण के कारण जिले में स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र के बंद होने से कुपोषित बच्चों का समुचित उपचार नहीं हो पा रहा था। ऐसे में शासन ने इसे पुनः संचालित करने का निर्णय लिया है ।इसके लिए महानिदेशक परिवार कल्याण ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र जारी कर पोषण पुनर्वास केंद्र को संचालित किए जाने हेतु निर्देश दिया है। जिससे बच्चों का सुचारु रुप से चिकित्सकीय इलाज हो सके और उन्हें इस महामारी की चपेट में आने से बचाया जा सके। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके उपाध्याय ने बताया कि महानिदेशक का पत्र प्राप्त हो गया है और उनके द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में जनपद में स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन भी शुरू कर दिया गया है ।इसके अलावा एन आर सी में तैनात चिकित्सक व अन्य स्टाफ को कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने हेतु निर्देश दे दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक महानिदेशक ने पत्र में कहा है कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है। कुपोषण की गंभीर चिकित्सकीय अवस्था सैम बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारी एवं उनसे होने वाली मौत का खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है। वर्तमान में बच्चों के कुपोषण हेतु जिले में पोषण पुनर्वास केंद्र एन आर सी संचालित है। लेकिन कोविड-19 के कारण यह बंद था जिसे पुनः चालू करने का निर्णय लिया गया है ।कोरोनावायरस संक्रमण से देश ग्रसित है सैम बच्चों में सामान्य बच्चों की अपेक्षा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कोविड-19 महामारी से ग्रसित होने का खतरा अधिक होता है। उक्त के दृष्टिगत एनआरसी का सुचारू रूप से संचालन आवश्यक है महानिदेशक ने यह भी कहा है कि पोषण पुनर्वास केंद्र की सेवाओं की निरंतरता को इस समय के दौरान भी बनाए रखने की जरूरत है ।और कोविड-19 के के सक्रिय संचरण के जोखिम तक समूह परामर्श ,खेल चिकित्सा एवं खाना पकाने के प्रदर्शन संबंधी गतिविधियां निलंबित रखते हुए इसके स्थान पर स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत बेड साइड परामर्श दिया जाए। इसके अलावा एनआरसी में भर्ती बच्चों को खांसी, जुखाम और सांस लेने में कठिनाई हो रही हो तो इसके जांच के लिए दिन में दो बार टेस्ट करना आवश्यक है और कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड समर्पित चिकित्सा इकाई में उपचार कराया जाए । एनआरसी में अवस्थापन के दौरान अनुवांशिक प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। संक्रमण के कारण होने वाली क्षति को कम करने के लिए यदि एनआरसी में भर्ती सैम बच्चा चिकित्सीय जटिलता से उभर गया है और उसका वजन अगले 3 दिनों तक लगातार बढ़ना शुरू हो जाता है तो उनकी माता को पौष्टिक एवं सुरक्षित भोजन तैयार करने ,हैंड वाशिंग, प्ले थेरेपी के साथ आवश्यक औषधियों को छोड़कर संबंधित परामर्श के साथ उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है।

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