उत्तर प्रदेश

सोनभद्र में 450 हेक्टेयर बालू क्षेत्र व 80 हेक्टेयर डोलों स्टोन के खनन पट्टा हेतु हुआ पुनर्गठन  जनपद सोनभद्र में कोरगी ,नगवां के कनहर नदी सहित सोन नदी पर होना है कास्तकारी सहित सरकारी पट्टा  पट्टा स्वीकृत हुआ हो 1500 करोड़ का आएगा सालाना राजस्व

जनपद सोनभद्र में कोरगी ,नगवां के कनहर नदी सहित सोन नदी पर होना है कास्तकारी सहित सरकारी पट्टा

पट्टा स्वीकृत हुआ हो 1500 करोड़ का आएगा सालाना राजस्व

दुद्धी/ सोनभद्र|जनपद सोनभद्र में अक्टूबर के बाद से बालू की किल्लत दूर हो जाएगी,अगर सबकुछ ठीकठाक रहा और पुनर्गठन किये गए पट्टे स्वीकृत हो गए तो सोनभद्र के 450 हेक्टेयर कनहर व सोन नदी के रकबे पर दर्जन भर कास्तकारी सहित सरकारी बालू खनन पट्टों पर खनन शुरू हो जाएगा ,वहीं 80 हेक्टेयर रकबे के पहाड़ी पर डोलो स्टोन खनन पट्टा शुरू होने की संभावना है ,जिससे अकेले सोनभद्र से 1500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष राजस्व आने की संभावना जताई जा रही है|

जनपद सहित सूबे में गिट्टी व बालू किल्लत दूर होते हुए सस्ते दर पर मिलने की संभावना है जिससे हर गरीब को अपना आशियाना बनाने में कम खर्च वहन करना पड़ेगा|विभागीय सूत्रों से पता चला कि जनपद में 450 हेक्टेयर रकबे का रेत खनन पट्टा क्षेत्रों का पुनर्गठन किया वहीं 80 हेक्टेयर डोलों स्टोन खनन पट्टा क्षेत्रों का पुनर्गठन हो चुका है,जिसमें खान निरीक्षक जी के दत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है ,फाइलें प्रक्रिया में हैं खनन पट्टों के शुरू होते ही सरकार को प्रति वर्ष लगभग 1500 करोड़ रुपये संभावित सरकारी राजस्व प्राप्त होने की कयास लगाए जा रहे हैं| सूत्रों से पता चला कि दुद्धी तहसील के कोरगी व नगवां में काश्तकारी के 4 खनन पट्टा क्षेत्रों का पुनर्गठन किया गया है साथ ही सोन नदी पर दो दर्जन से ज्यादा रेत के खनन पट्टा क्षेत्रों का पुनर्गठन किया गया है , पट्टों की फाइलें प्रक्रिया में है जिसकी स्वीकृति मिलते ही खनन कार्य जल्द शुरू हो जाएगा|अब जल्द ही जनपदवासियों को बालू व गिट्टी की किल्लत से उबरने की प्रबल संभावना जताई जा रही है|

खनन निरीक्षक जीके दत्ता का लखनऊ निदेशालय हुआ तबादला,पर्यावरण कार्यकर्ताओं को गहरा दुख

दुद्धी(रवि सिंह)सोनभद्र:खनन निरीक्षक जी के दत्ता के स्थानांतरण लखनऊ निदेशालय कर दिया गया है ,इसकी पुष्टि उन्होंने स्वयं की | उधर अचानक इनके तबादले से क्षेत्र के पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने गहरा दुख प्रकट किया है ,क्षेत्र के पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश ,प्रमोद ,जमुना आदि ने कहा कि इनके ताबड़तोड़ कार्रवाई से सरकार को जहाँ काफी मात्रा में राजस्व मिला वहीं अवैध खनन के कार्य में लोग सहमे रहे, इनके द्वारा 6 ग्राम पंचायतों में वन अधिनियम 1927 की धारा 20 के तहत कई महत्वपूर्ण कार्रवाई किये गए ,कई खननकर्ताओं पर एफआईआर कराएं गए जिससे क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार काफी हद तक कम रहा ,सरकार को राजस्व प्राप्ती हेतु कई खनन पट्टों का पुनर्गठन किया जिससे सरकारी राजस्व प्राप्ति के साथ क्षेत्र में बालू व बजरी की चोरी रुकने की प्रबल संभावना बनी थी|

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