डॉक्टर भगवान बनकर बचाई नवजात शिशु की जान
24 घण्टे नही रोया नवजात, डॉक्टर ने बचाई जान
सोनभद्र। जिला संयुक्त चिकित्सालय के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग में जन्मे नवजात के 24 घंटे तकन रोने से परिवार के लोग हैरान हो गए। अस्पताल के डॉक्टर ने नवजात का सीमित संसाधनों में इलाज कर जीवन बचाया। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रवि प्रकाश पांडे ने बताया कि बीते जुलाई 5 तारीख को देर शाम एक डिलीवरी केस अपने अस्पताल में आया था पूजा शर्मा 26 वर्ष पत्नी चंदन कुमार शर्मा निवासी चौरी थाना चोरी जिला भोजपुर आरा जिसका देर रात 11:00 बजे नॉर्मल डिलीवरी लड़का पैदा हुआ वही पैदा होने के बाद 10 मिनट तक बच्चा रोया नहीं जिसको लेकर परिजन सहित चिकित्सक बहुत परेशान हो गए और जब सुबह राउंड पर आए तो इस्तपो परिजनों से पता चला बच्चे षस में सुबह जब तक इलाज शुरू होता तब तक संक्रमण और तेजी से बढ़ गए श्री पांडेय ने बताया कि पेट के आत से ब्लड आने लगा फीवर 104, 105 डिग्री पर पहुंच गया प्लेटनेस 26 हजार घटकर हो गए जबकि नॉर्मल डिलीवरी में बच्चों का प्लेटनेस डेढ़ लाख होना चाहिए 24 घंटे बाद बच्चे ने मां का दूध पीना शुरू कर दिया इलाज के बाद जब यह सूचना डॉक्टर को मिली कि बच्चा रोया नहीं है 10 मिनट तक और उसके शरीर पूरी तरह से सूचना शुरू हो गया और रेड कलर का शरीर दिखने लगा तब डॉक्टर पांडेय ने अपनी टीम के साथ ही पूरे केस का स्टडी करते हुए बच्चे का दवा इलाज करना शुरू कर दिया इस दौरान बच्चे को झटके आना शुरू हो गया और उसके शरीर सूजने लगे लग रहा था बच्चा हाथ से निकल जाएगा मगर दवा इलाज के 24 घंटे तक देखरेख में डॉक्टर व उनकी टीमों द्वारा दवा इलाज किया गया तो 24 घंटे बाद बच्चा रोने और चिल्लाने लगा फिर 48 घंटे बाद अपनी मां का दूध पीना शुरू कर दिया श्री पांडेय ने बताया कि जितना समुचित व्यवस्था में इलाज किया गया उतना संभव नहीं होता वही परिजन इतने घबराए हुए थे कि दूसरा बच्चा भी हमारे हाथ से ना निकल जाए एक बच्चा पहले ही मर चुका था इसलिए ज्यादा घबराए हुए थे फैमिली बहुत ही गरीब परिवार से है उसका पति पुने में किसी प्राइवेट संस्थान में कर्मचारी की तौर पर कार्यरत है जो कि काफी दिनों से छुट्टी लेकर इधर-उधर दवा इलाज के चक्कर में भटक रहा है गरीब परिवार के आखरी उम्मीद पर स्वास्थ विभाग उत्तरा खरा हंसता खेलता परिवार पुनः स्थापित हो गया। वही डॉ रवि प्रकाश पांडेय, प्रशांत कुमार, सविता ,श्वेता ,रितु ,सावित्री शशिबाला, वंदना सहित स्टाफ को के साथ 24ghanta मासूम बच्चे की देखरेख कर आखिरकार गरीब परिवार के झोली में खुशियां वापस कर लाए ।