समाजसेवी ज्योत्सना श्रीवास्तव हुई सम्मानित
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुआ सम्मान एवं संगोष्ठी का कार्यक्रम।
-स्वर्गीय ठाकुर विमलेश कुमार सिंह के आवास पर हुआ आयोजन।
-महिलाओं के अधिकार की लड़ाई लड़ने का लिया संकल्प।
-सोनभद्र की आदिवासी महिलाओं ने मचाया देश भर में धूम।
-राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी महिलाओं ने बनाई अपनी पहचान।
-सम्मिलित हुए पत्रकार, साहित्यकार, अधिवक्ता, आम नागरिक गण।
रॉबर्ट्सगंज (सोनभद्र) अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर साहित्य, कला, संस्कृति, पर्यटन के क्षेत्र में अनवरत रूप से कार्यरत विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के तत्वाधान में सोनभद्र के शेक्सपियर के नाम से विख्यात राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज रॉबर्ट्सगंज के अंग्रेजी के प्रवक्ता स्वर्गीय ठाकुर विमलेश कुमार सिंह के न्यू कॉलोनी स्थित आवास पर समाजसेवी ज्योत्सना श्रीवास्तव को ट्रस्ट की सदस्य कवित्री/शिक्षिका कुमारी तृप्ति केसरवानी माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह, साहित्यकार प्रतिभा देवी की कृति आदिवासी जीवन प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी ने कहा कि-“भारतीय महिलाएं पूरे विश्व में अपनी योग्यता का परचम लहरा चुकी हैं, इससे हमारा सोनभद्र अछूता नहीं है।
सोनभद्र के आदिवासी अंचलों में निवास करने वाली महिलाओं ने अपने हुनर के माध्यम से यह
साबित कर दिया कि हम महिलाएं किसी से कम नहीं है। इस क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं ने अपने वन्य उत्पाद के माध्यम से स्वयं स्वावलंबी बनी और दूसरे महिलाओं को भी रोजगार परक बनाया है। क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं ने करमा नृत्य के माध्यम से संपूर्ण देश में एक नवीन पहचान बनाई है। सोनभद्र की महिलाओं ने साहित्य कला संस्कृति,राजनीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।समाज सेवी ॠचा नारायण वर्मा ने कहा कि-“समाज सेवा क्षेत्र में बनवासी सेवा आश्रम की स्वर्गीय रागिनी बहन, राजनीति के क्षेत्र में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती पनिका, अनीता राकेश, प्रथम विधायक रूबी प्रसाद, आईएएस साक्षी गर्ग, साहित्य के क्षेत्र में शकुंतला तिवारी, डॉक्टर रचना तिवारी, अनीता सोनपरी, साहित्य के क्षेत्र में प्रतिभा देवी, पद्मिनी श्वेता सिंह सहित दर्जनों महिलाओं ने का सोनभद्र जनपद का नाम देश स्तर पर रोशन किया है।
विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-“आज पूरे विश्व की महिलाएं भाषा, धर्म, जाति, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे हटकर राष्ट्रीय महिला दिवस मना रही हैं। विदेशों में स्त्रियां अपने अपने संस्कृति के अनुसार इस दिवस को सेलिब्रेट करती है।
सोनभद्र कानूनी परामर्श केंद्र के सचिव जितेंद्र बहादुर सिंह ने महिला दिवस के प्रारंभ के बारे में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कहा कि-“रूस में युद्ध के दौरान हुआ था, मार्च सन 1917 को महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस यानी (खाना और शांति) की मांग की थी और पूरे देश में हड़ताल कर सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान करने का अधिकार प्रदान किया था।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे युवा पत्रकार हर्षवर्धन केसरवानी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-“इस दिवस को अमेरिका में विमेंस हिस्ट्री मंथ के तौर पर मनाया जाता है। काम काजी महिलाओं को आधे दिन की छुट्टी भी दी जाती है।
होम्योपैथ चिकित्सक डॉ आनंद नारायण श्रीवास्तव ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-“समाज सेवा, शालीनता, दया, प्रेम स्त्रियों का प्राकृतिक गुण है, इसी विशेषता के कारण समाजसेवी ज्योत्सना श्रीवास्तव को जाना जाता है। इन्होंने अपने परिवार, बाल- बच्चों का पालन- पोषण करते हुए समाजसेवा का दायित्व जीवन भर निभाया, ढिबरी युग से कंप्यूटर युग तक की जीवन यात्रा में इन्होंने संघर्ष किया, जरूरतमंद स्त्रियों को चिकित्सीय सहायता पहुंचाने का कार्य किया, यह कुशल गृहणी और लोक कलाकार भी हैं।
सम्मानित समाजसेवी ज्योत्सना श्रीवास्तव ने संगोष्ठी में अपना अनुभव एवं विचार उपस्थित अतिथियों के साथ साझा किया।कार्यक्रम में सपना श्रीवास्तव, निरंजना नारायण महिला दिवस के बारे में अपना- अपना विचार व्यक्त किया।एवं संगोष्ठी कार्यक्रम में माधव नारायण,अन्वेष नारायण सहित अन्य गणमान्य नागरिक, साहित्यकार, पत्रकार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता रवि राय ने किया।