*श्री रामलीला समिति के तत्वाधान में रेलवे रामलीला मैदान में मंचन शुरू ।*
अशोक मद्धेशिया
क्राइम जासूस
जासूस
*रामलीला समिति के अध्यक्ष रेलवे डीटीएम दीपक कुमार एवं पदेन अध्यक्ष बीजेपी मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह शुभ हाथों से फीता काटकर शुभारंभ किया ।*
चोपन/सोनभद्र। आज सन्ध्या सात बजे उद्घाटन के बाद सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान का पूजन एवं दीप प्रज्जवलित कर आरती उतारी गई। इस अवसर पर समिति के पदेन अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि, भगवान राम का चरित्र अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि, श्री राम ने अपने पिता की आज्ञा मानकर 14 वर्ष का वनवास लिया और रावण जैसे पापी का वध कर सर्वत्र राम राज्य स्थापित किया। इस शुभ अवसर पर श्री श्री रामलीला समिति के पदेन अध्यक्ष सुनील सिंह ने आये हुए अतिथियों का अंगवस्त्र से स्वागत किया।
*रामलीला के शुभारंभ वाले दिन नारद मोह प्रसंग की लीला सम्पन्न हुई* ।
कथा प्रसंगों के मुताबिक एक बार नारद मुनि भगवान शिव की कठोर तपस्या कर रहे थे। इससे परेशान देवराज इंद्र ने उनका तप भंग करने के लिए कामदेव, मेनका, रम्भा, उर्वशी आदि अप्सराओं को भेजा। तमाम कोशिश के बावजूद देवर्षि के तप की तंद्रा भंग नहीं हुई। तपस्या पूरी होने पर कामदेव ने देवर्षि से सारा वृतांत बताते हुए क्षमा-याचना की। नारद ने उन्हें क्षमा तो कर दिया पर इससे उनके अंदर अहंकार का भाव जागृत हो गया।
कामदेव पर विजय प्राप्त करने की गाथा सुनाने भगवान शिव के पास पंहुच गए। देवर्षि का अहंकार भाव देखा भोलेनाथ ने नारद को भगवान विष्णु से इसकी जानकारी देने से रोका। लेकिन कौतूहल के वशीभूत नारद भला कहां मानने वाले थे। वह क्षीर सागर भी पहुँच गए और अपने पौरुष का यशोगान किया। भगवान ने उन्हे बधाइयाँ दी और वहाँ से विदा किया। पर रास्ते मे माया से एक सुंदर नगर बसा दिया, जहां शील वाहन नाम के राजा का शासन था। उनकी पुत्री अत्यंत सुंदर थी। नारद को राजा ने राजमहल मे बुलाया और पुत्री का भाग्य जानना चाहा। हालांकि भगवान की माया के जाल में नारद फंस गए। अंत में उनका अहंकार चूर-चूर हो गया। इस दौरान
*रामलीला समिति के अध्यक्ष* दीपक कुमार रेलवे डीटीएम, *पदेन अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष चोपन* सुनील सिंह, उपाध्यक्ष सतनाम सिंह, मनोज सिंह सोलंकी, सुशील पांडे, लल्लू श्रीवास्तव, मोम बहादुर, अजित पंडा, *महामंत्री* – सुरेश जयसवाल एवं *कोषाध्यक्ष* अभिषेक दुबे। *मंत्री* – विनीत पांडे, उमेश बिंद, धर्मेंद्र जायसवाल, अजय कुमार, राम कुमार मोदनवाल, जितेंद्र जयसवाल, **मीडिया प्रभारी* अशोक मद्धेशिया, अनुज जायसवाल *संरक्षण मंडल* – संजय जैन, सत्यप्रकाश तिवारी, कैलाश मौर्या, कमल किशोर सिंह, सतेंद्र कुमार आर्य, प्रदीप अग्रवाल, दिनेश गर्ग, दीनानाथ सेठ, अशोक सिंघल, तीर्थराज शुक्ला, राजन जायसवाल, रोशन सिंह, *रावण प्रभारी-* सियाराम तिवारी, राजू चौरसिया, रिंकू अग्रहरि एवं अनिल जायसवाल, शुभम चौरसिया और कलाकारों के इस इस भावपूर्ण मंचन को देखने के लिए तमाम लोग इकट्ठा रहे।
*कार्यक्रम का सफल संचालन* कथा वाचक पंडित सितलेश मिश्रा ने माधुर्य वाणी से किया।