उत्तर प्रदेश

दुष्कर्म के दोषी पिंटू को 10 वर्ष की कैद

30 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
– अर्थदंड की 25 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को मिलेगी
– जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित रहेगी
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम वीरेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने ढाई वर्ष पूर्व हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी पिंटू को 10 वर्ष की कैद एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की 25 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को मिलेगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित रहेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की पीड़ित महिला ने दी तहरीर में आरोप लगाया है कि 19 फरवरी 2019 को शाम 7 बजे वह शौच के लिए गई थी तो रास्ते में पिंटू साइकिल लेकर खड़ा था और उसे जबरन पकड़ लिया और उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। शोरगुल की आवाज सुनकर उसका पति और कई लोग आ गए तो पिंटू अपनी साइकिल वहीं छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। जिसे सभी लोगों ने देखा और गाली और धमकी देने की बात को भी लोगों ने सुना। इसकी जुबानी सूचना दूसरे दिन थाने पर दिया तो दरोगा जी ने कहा कि जांच करके कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कुछ नहीं किया गया। तब एसपी सोनभद्र को जरिए रजिस्टर्ड डाक से सूचना दिया, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कि गई। तब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में घोरावल कोतवाली क्षेत्र के रेही गांव निवासी पिंटू के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पिंटू को 10 वर्ष की कैद एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि की 25 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को मिलेगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित रहेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी प्रज्ञा नंद शर्मा ने बहस की।

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