सोनभद्र

डीएवी संस्था के संस्थापक सदस्य महात्मा हंसराज जी का जन्मदिन बड़े हीं धूमधाम से मनाया

बीजपूर सोनभद्र
बग्घा सिंह /असफाक कुरैशी
एनटीपीसी,रिहंदनगर में आज डीएवी आंदोलन के जनक और डीएवी संस्था के संस्थापक सदस्य महात्मा हंसराज जी का जन्मदिन बड़े हीं धूमधाम से मनाया गया। उन्नीस अप्रैल 1864 को महात्मा हंसराज जी का जन्म पंजाब प्रांत में हुआ था। जन्मदिन के इस शुभ अवसर पर विद्यालय में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री राजकुमार के साथ साथ शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों ने भी महात्मा हंसराज जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। धर्म शिक्षिका गीता चौबे ने अपने संबोधन में महात्मा हंसराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए एक भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। खेल शिक्षक मनोज पांडे के निर्देशन में बच्चों ने मधुर स्वर में डीएवी गान गाया। प्राचार्य श्री राजकुमार ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय शिक्षा पद्धति में सुधार हेतु एक जून 1886 को आर्यसमाज के द्वारा लाहौर में डीएवी स्कूल की स्थापना की गई थी। इस संस्था के प्रथम प्राचार्य महात्मा हंसराज को बनाया गया था। उन्होंने जीवनभर अवैतनिक सेवा करने का संकल्प लिया। महात्मा हंसराज के निर्देशन में लगभग दो सौ डीएवी विद्यालय की स्थापना पूरे भारतवर्ष में किया गया। आज देश विदेश में एक हजार से ज्यादा डीएवी स्कूल स्थापित हैं। प्राचार्य ने बताया कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह एवं इंद्र कुमार गुजराल डीएवी लाहौर के छात्र रहे हैं। डीएवी स्कूल से पढ़कर अनेक देश भक्त क्रान्तिकारियों ने
राष्ट्रीय आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।लाला लाजपत राय भी डीएवी कॉलेज लाहौर से जुड़े थे। प्राचार्य श्री राजकुमार ने कहा कि हम सभी को महात्मा हंसराज जी के जीवन से देश सेवा के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर डॉ आर के झा, विजय तिवारी, डॉ राजेश श्रीवास्तव, डॉ डी लाल, प्रभा सिंह, प्रेमलता, भक्तरंजन, सौरभ कुमार, डी सी शुक्ला, नरेश जायसवाल, राज लक्ष्मी शेषन, वसुंधरा, मीना सिंह,पुष्पा पांडे आदि के साथ- साथ सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। सभी ने महात्मा हंसराज को शत-शत नमन किया। महात्मा हंसराज अमर रहे, भारत माता की जय के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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