ओबरा बाजार की 105 दुकानों पर चलेगा बुल्डोजर,रहवशियों ने किया विरोध

जूही खान
सोनभद्र,ओबरा बाजार की 105 दुकानों पर चलेगा बुल्डोजर,रहवशियों ने किया विरोध, ओबरा सी की सीमा में आ रहे थाना मार्ग की दुकानों पर परियोजना प्रशासन अब बुल्डोजर चलाने की तैयारी में है। ध्वनियंत्र के माध्यम से इसकी घोषणा कर दी है कि दो दिन के अंदर दुकानें हटा ली जाएं, अन्यथा प्रशासन बलपूर्वक हटाएगा। प्रशासन के इस कदम से दुकानदारों में रोष है। बुधवार को ओबरा के व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकान बंद करके विरोध दर्ज कराया। इससे पहले जनवरी 2020, जून 2018 तथा नवंबर 2016 में भी जगह खाली करने के लिए नोटिस दी गई थी। प्रशासन द्वारा प्रथम चरण में 105 दुकानें हटाने का निर्णय लिया गया है। उसके बाद दो और चरण में सैकड़ों दुकानें हटाई जा सकती हैं।
मंगलवार शाम को परियोजना प्रशासन की तरफ से बाजार में घोषण करने से नाराज दुकानदारों ने बुधवार को सुभाष तिराहे से आंम्बेडकर चौक तक मार्च करते हुए परियोजना प्रशासन के खिलाफ नारे भी लगाए। व्यापारियों ने आदेश को वापस लेते हुए व्यापारी हितों में कार्य करने की मांग की और थाना प्रभारी को मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन सौंपा। व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील गोयल बताते हैं कि व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए हम एकजुट है। कहा कि हम लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर समस्या को अवगत कराया था जिस पर उन्होंने 15 फीट छोड़कर बाउंड्री करने का आश्वासन दिया था। व्यापारियों द्वारा किए गए आंदोलन को खत्म किया गया था। परियोजना अधिकारियों द्वारा आश्वासन देकर जूस पिलाकर धरना को समाप्त कराया गया था, लेकिन अब परियोजना प्रशासन अपनी बातों से मुकर रहा है। कहा कि 15 फीट छोड़ने के लिए पुन: आन्दोलन करना पड़ा तो व्यापारी पीछे नही हटेंगे। इस दौरान समाजसेवी रमेश सिंह यादव, अपनादल (एस) नेता आनंद पटेल दयालू, व्यापार मंडल जिला उपाध्यक्ष अलोक भाटिया, महामंत्री सुशील कुशवाहा, भोला प्रसाद कनौजिया, जेपी सिंह, मिथिलेश अग्रहरि, पूरन चंद्र पुरवार, राजेश जिदल सहित भारी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।
*29 मार्च 2018 को हुई थी वार्ता*
गत 29 मार्च 2018 को व्यापारियों की परियोजना प्रशासन से हुई वार्ता में 15 फीट पीछे से बाउंड्री बनाने का आश्वासन मिला था। स्थानीय वीआइपी गेस्ट हाउस में परियोजना के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक इ. एके सिंह एवं व्यापारी प्रतिनिधियों के बीच हुयी वार्ता में आंबेडकर चौक से सुभाष तिराहे तक 15 फीट पीछे से बाउंड्री बनाये जाने पर सहमती बनी थी। इस तरह से बाउंड्री बनाए जाने पर आंबेडकर चौक से सुभाष तिराहे तक स्थायी प्रकृति की 40 से ज्यादा दुकानें बच रही थीं।