उत्तर प्रदेश

सोनभद्र के माटी के लाल योग गुरु आचार्य अजय पाठक ने योगाभ्यास में रचा विश्वकीर्तिमान

सोनभद्र के माटी के लाल योग गुरु आचार्य अजय पाठक ने योगाभ्यास में रचा विश्वकीर्तिमान

स्वामी महेश योगी महाराज जी
चोपन(संवाददाता अशोक मद्धेशिया)उत्तर प्रदेश सोनभद्र ( झारखंड बिहार छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश ) जो चार प्रदेश की सीमाओं से गिरा हुआ है के सामान्य गरीब परिवार के योग गुरु आचार्य अजय कुमार पाठक पुत्र सत्यनारायण पाठक , ग्राम सिंदुरिया,चोपन-सोनभद्र के मूल निवाशी है,इन्होने योग और और आयुर्वेद की प्रारम्भिक शिक्षा और अपनी योग यात्रा जून 2017 पतंजलि वैदिक गुरुकुल हरिद्वार से 18 माह पूर्णकालिक रहकर की,जिसमे योग,आयुर्वेद के साथ वैदिक यज्ञ , वेद ,शास्त्र, उपनिषद,गीता का भी पूज्य आचार्यों गणों के सानिध्य में किंचित अध्ययन कर यह सकल्प लिया और समाज सेवा और राष्ट्र सेवा का सर्वोत्तम मार्ग सिर्फ योग और आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करके ही राष्ट्र सेवा का कार्य आजीवन करूंगा। कार्यक्रम आयोजन
“गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” की दिशानिर्देश में सहयोगी संस्था दिव्यभारत निर्माण ट्रस्ट के संस्थापक पूज्य स्वामी महेश योगी महाराज जी की राष्ट्रवादी संस्था के माध्यम से ऑनलाइन कार्यक्रम में पूरे भारत से हजारों की संख्या में योग प्रतिभागीयो ने हिस्सा लिया,जिसमे सोनभद्र के माटी के लाल “समाजवादी योग संदेश यात्रा” के ब्राण्डएम्बेसडर आचार्य अजय कुमार पाठक ने सर्वाधिक तीब्रगति से कपालभाति प्राणायाम में विश्वकीर्तिमान हाशिल कर पूरे प्रदेश ही पूरे देश में अपने गाँव/जनपद का नाम रोसन किया है । आचार्य अजय पाठक ने योग के माध्यम से उतर प्रदेश ही बल्कि पूरे भारत के अधिकांश राज्यो मे निशुल्क ऑनलाइन योगा क्लासेस के माध्यम से हजारों की संख्या में योग शिक्षक तैयार कर जन जन तक योग और आयुर्वेद की प्राचीन विद्या को घर-घर पहुचाकर निरोगमुक्त राष्ट्र बनाने की संकल्पना है , दिव्य भारत निर्माण ट्रस्ट के पूर्व राष्ट्रीय प्रभारी अखिलेश त्रिपाठी जी ने कहा कि आचार्य अजय पाठक जी ने जो योग कीर्तिमान हाशिल किया यह उनकी उन्नतशील और चहुमुखी प्रतिभा का परिणाम है आपकी उज्ज्वल भविष्य की अनन्त शुभकामनाएं आप जैसे राष्ट्र भक्तों की वजह से देश और समाज का नाम रोसन हो रहा है, बड़े भाई पूर्व विधायक श्री रमेश चंद दुबे जी ने कहां की प्रिय छोटे भाई आचार्य अजय कुमार पाठक हमारे समाज के ही नहीं बल्कि सभी वर्ग के लिए योग के क्षेत्र में एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं क्योंकि इस सोनभद्र के आदिवासी अंचल में योग जैसी विधाएं धीरे-धीरे लुप्त होती चली जा रही थी परंतु इन क्षेत्रों में जहां पर सुदूर ग्रामीण अंचलों में रोड पानी बिजली की समस्याओं को दर किनारे कर छोटे भाई आचार्य अजय जी ने गांव-गांव घूम घूम कर लोगों को योग शिक्षा के माध्यम से जागरूक कर स्वस्थ व उत्तम समाज के साथ-साथ निरोग मुक्त राष्ट्र बनाने की संकल्पना बनाई है उसके लिए बहुत-बहुत बधाई और आशीर्वाद है ।

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