उत्तर प्रदेश

मानसिक विकृतियों को ठीक करने में कारगर होम्योपैथ

मानसिक विकृतियों को ठीक करने में कारगर होम्योपैथ

सोनभद्र:: रॉबर्ट्सगंज नगर स्थित सोनभद्र होम्योपैथिक क्लीनिक पर विश्व मानसिक दिवस के अवसर पर ललिता देवी मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा एक गोष्ठी हुई जिसमें होम्योपैथ मनोरोग चिकित्सक डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया कि आज के भागदौड़ की जिंदगी में हर इंसान परेशान है कोरोना महामारी में लोग इतने डर गए हैं कि थोड़ी सी भी सर्दी खांसी जुखाम होते ही कोरोना का भय सताने लगता है मानसिक डिप्रेशन में लोग चले जा रहे हैं यदि कोई व्यक्ति का कोरोना पॉजिटिव आ जा रहा है तो समाज का यह दायित्व बनता है कि उसके साथ मित्रवत व्यवहार करें उसे ऐसा न लगे कि मैं समाज से अलग हूं क्योंकि उसका मनोबल यदि कम होगा तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होगी फल स्वरूप व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो जाएगा वातावरण में हो रहे प्रदूषण लोगों का एक दूसरे के साथ परिवार में समय ना दे पाने के कारण समय का रोना रोने के कारण मेंटल स्ट्रेस से गुजर रहे हैं बच्चे अपने कैरियर को लेकर के महिलाएं परिवार के प्रति पुरुष पूरे परिवार के संचालन को लेकर के काफी परेशान हैं ऐसे में जरूरत है हमें थोड़ी सी सावधानी बरतने की कोशिश करें होम्योपैथी दवाओं में मानसिक विकृतियों को दूर करने की ताकत होती है यदि पूरे सिम्पटम को अच्छे से अरेंज करके मेडिसिन का चयन किया जाए तो मैं समझता हूं कि कम खर्च में काउंसलिंग के साथ-साथ व्यक्ति मानसिक बीमारियों से बच सकता है इस बार उत्तर प्रदेश शासन ने विश्व मानसिक दिवस पर दयालुता नामक विषय पर फोकस किया है क्या मानसिक रूप से परेशान लोगों के लिए दया शब्द उचित है क्या वे दया के पात्र हैं ऐसा नहीं है हमें उनके साथ मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ उन्हें ढाढस बढ़ाने की जरूरत है लोगों का बात बात पर गुस्सा करना एक दूसरे के साथ झगड़ा करना बच्चों को याद ना रहने की बीमारी बुजुर्गों में यादाश्त की कमी यह बताती है कि हम अपने परिवार के प्रति कितने संजीदा हैं बच्चे और बुजुर्ग दोनों की

देखभाल हमारा नैतिक कर्तव्य है बशर्ते की बुजुर्ग भी अपने परिवार के प्रति संजीदा हो ऐसा देखा जाता है कि लोग अपने दुख को अपने घर में साझा नहीं करते बल्कि बाहर जाकर के लोगों से सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं घर की सारी बातें बाहर बताते हैं और उम्मीद करते हैं कि लोग मुझे घर में सम्मान और आदर दे इसके लिए पहल उन बुजुर्गों को भी करना पड़ेगा ऐसा नहीं है की पीढ़ियां एक दूसरे का सम्मान नहीं करती बल्कि हमें पीढ़ियों के अंतर के सामंजस्य को समझना होगा इस कोरोना काल में हमें हमेशा मास्क लगाकर 2 गज की दूरी हाथ की सफाई अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलना इसका पालन करना होगा हमें विश्व मानसिक दिवस मनाने की जरूरत ही क्यों पड़ी हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत रहिए नकारात्मक ऊर्जा को हटाइए नियमित योगा और ध्यान करिए यदि आप किसी बात पर तनाव में आते हैं तो आप तुरंत लंबी लंबी सांसे लीजिए और एक दो मिनट के लिए ध्यान करिए ध्यान रखिए यदि आप बहुत तनाव में होते हैं और किसी कार्य के प्रति निर्णय लेना है तो थोड़ा सा इंतजार करिए कभी-कभी तनाव में लिया गया निर्णय पूरी जिंदगी भर के लिए कष्टदायक होता है यदि आप बहुत प्रसन्न रहते हैं तो लोगों को तुरंत किसी काम के लिए वादा मत करिए पहले समझिए

इसके बाद वादा करिए क्योंकि जब कोई घटना घट जाती है तब हमें महसूस होता है कि हमने इस तरह का वादा क्यों किया सभी लोग अपने परिवार के साथ थोड़ा वक्त बिताएं बातें करिए स्वस्थ रहिए मस्त रहिए l इस अवसर पर न्यासी सुषमा सिंह आदित्य कुमार सिंह सौम्या सिंह पंकज कुशवाहा डॉ ए बी प्रसाद डॉक्टर चंद्र भूषण डॉक्टर अलख डॉ जयेश ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से अपने अपने विचार व्यक्त किय

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