डाक्टर कृष्ण मोहन यादव के प्रति वित्त विहीन शिक्षकों ने किया समर्थन।

डाक्टर कृष्ण मोहन यादव के प्रति वित्त विहीन शिक्षकों ने किया समर्थन।
(मुस्तकीम खान करमा)
सोनभद्र। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के वाराणसी शिक्षक निर्वाचन खंड के प्रत्याशी डॉक्टर कृष्ण मोहन यादव ने सोमवार को जनपद सोनभद्र के घोरावल व राबर्ट्सगंज ब्लाक के विद्यालयों के शिक्षकों से संपर्क कर चुनाव में महासभा के प्रति समर्पण भाव रखने के लिए निवेदन किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान वैश्विक महामारी के चलते प्रदेश में लाखों की संख्या में शिक्षक एवं शिक्षिकाएं पीड़ित हैं शिक्षक सरकार से लंबे समय से पहले से मानदेय की मांग कर ही रहे थे तब तक कोरोना महामारी के चलते पिछले 5 माह से विद्यालय बंद चल रहे हैं जिसके कारण शिक्षकों का परिवार मानदेय न मिलने के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं इस प्रकार सरकार शिक्षकों की समस्याओं के प्रति उदासीन है इसलिए प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर प्रदेश अध्यक्ष अशोक राठौर जी के निर्देश पर प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर शिक्षक समस्याओं को लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित करते हुए जिला अधिकारी महोदय को ज्ञापन दिया गया। पर सरकार शिक्षको के लिए कुछ भी नहीं की, जिला अध्यक्ष उमाकांत मिश्रा ने कहां की हमें वर्तमान सरकार से यह आशा नहीं थी यह सरकार इतना बदल जाएगी कि जब यह सरकार सत्ता में नहीं थी तो कहा करती थी कि तत्कालीन सरकार इन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय नहीं देकर भीख दे रही है यदि हम सत्ता में रहते तो इन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने का काम करते लेकिन जब इन शिक्षकों ने वर्तमान सरकार को अवसर दिया तो यह सरकार भीख भी वापस ले ली । लेकिन आज इस करोना कॉल में वास्तव में प्रदेश के अधिकांश शिक्षक पीड़ित हैं हमें आशा थी कि यह सरकार नहीं बदलेगी और बदलनी भी नहीं चाहिए क्योंकि सरकार की जिम्मेदारी होती है भारत के प्रत्येक बच्चे को उचित रूप से शिक्षा मिले परंतु शिक्षक जब शिक्षा देने का काम कर रहे हैं तो इस महामारी में सरकार को कम से कम इन शिक्षकों को आपदा राहत कोष से तो सहायता देनी चाहिए थी परंतु ऐसा नहीं करने पर हम सभी शिक्षको ने अपने संगठन माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा के प्रत्याशी को जिता कर सदन में भेजने का संकल्प किया है। डाक्टर कृष्ण मोहन यादव ने घोरावल, भगवास, शाहगंज, गेदरी, फुलवारी, पापी, कसया, परासी, जोगिनी, कर्मा, पगिया, आदि विद्यालयों के शिक्षकों से संपर्क कर समर्थन मांगा, सभी शिक्षको ने भरोसा दिलाया कि हम सभी आप को सदन में पहुंचाने के लिए तैयार है।