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जिस पार्टी में सिर्फ जाति व धन की राजनीत हो उसमें रहने का फिर कार्यकर्ताओं का क्या उचित- सुनील सिंह यादव

वली अहमद सिद्दीकी,

जिस पार्टी में सिर्फ जाति व धन की राजनीत हो उसमें रहने का फिर कार्यकर्ताओं का क्या उचित- सुनील सिंह यादव

:- बसपा के नीतियों से खफा होकर थामा सपा कहां दामन ?
अनपरा सोनभद्र।
बसपा को छोड़कर समाजवादी पार्टी में लौटे पूर्व सांसद पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे कैलाश नाथ सिंह यादव व ओबरा विधानसभा के प्रथम पूर्व विधायक ओबरा सुनील सिंह यादव ने सपा का दामन थामने के बाद मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा – बसपा के नीतियों से खफा होकर पार्टी से त्यागपत्र दे दिया नेता दुइ ने बताया 2017 में विधानसभा चुनाव के बाद से ही बसपा की नीतियों से अलग होने का मन बना लिया था, पर किन्ही कारण बस सपा में नहीं जा पाया। आज पूरे प्रदेश की क्या स्थिति है आम जनता छुपा नहीं है। ऐसे में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से प्रदेश के युवा और नागरिक को बहुत उम्मीदे है।
बताते हैं सोमवार को अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के मौजूदगी में दोनों पूर्वांचल के दिग्गज नेता ने सपा का सदस्यता ग्रहण किया था। पूर्व विधायक सुनील सिंह ने कहा पूर्वांचल से कई बड़े कार्यकर्ता का हुजूम सपा में आने को आतुर है ।उन्होंने कहा जब पार्टी के कार्यकर्ता ही पार्टी में नहीं रहेंगे उस पार्टी में फिर नेता का क्या औचित्य रह गया रहना। जिस पार्टी में सिर्फ जाति व धन की पूजा होती हो उसमें क्या जरूरत है फिर रहने का। उन्होंने कहा 2022 का चुनाव अहम होगा।

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