गरीबो के थाली से दूर हुआ आलू प्याज़ की सब्जी

गरीबो के थाली से दूर हुआ आलू प्याज़ की सब्जी
आलू प्याज के महंगाई ने बिगाड़ा घरेलू महिलाओं का बजट घरेलू महिलाओं में काफी रोष
चोपन(संवाददाता अशोक मद्धेशिया)चोपन रामलीला मैदान मे स्थित सब्जी मंडी में आलू-प्याज और हरा सब्जी इतना महंगा हो गया है कि मिडिल क्लास के लिए यह पहुंच से बाहर हो गई है। जो लोग असंगठित क्षेत्रों मे दिहाड़ी पर काम करते हैं उनके लिए सब्जी सपना होने लगी है। सरकार के राहत उपायों के बावजूद आज गरीब परिवारों की स्थिति काफी खराब है। विशेषज्ञों ने कहा कि सिर्फ दिहाड़ी मजदूर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग ही नहीं, बल्कि एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए भी पिछले कुछ सप्ताह के दौरान आलू, प्याज कीमतों में आए उछाल की वजह से अपने रसोई के बजट का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है। आज पुराना आलू ₹50 से नया आलू ₹60 से 70 एवं प्याज 60 से ₹80 वही हरा सब्जी जैसे पालक ₹30 किलो, परवल 40 से ₹50 किलो, बंद गोभी 40 रू, लहसुन ₹140 किलो लोगोंं के थाली से दुर हो गया हैं । मध्यम वर्गीय एवं मजदूरों का आलू की सब्जी प्रिय भोजन था । कोई सब्जी मिले या ना मिले लेकिन आलू का चोखा एवं आलू की सब्जी से अपने परिवाार का भरण पोषण करता था जो आज इतनी महंगी हो गई हैंं ऐसे में परिवार का गुजारा कैसे होगा
इस महंगाई के पीछे का कारण जानने के लिए जब हम दुकानदार के पास पहुंचे तो दुकानदार ने बताया कि मंडी में पर्याप्त मात्रा में आलू प्याज और हरा सब्जी नहीं आने के कारण महंगा है साथ ही साथ मंडी समिति में मंडी इंस्पेक्टर के नहीं कडाई करने से भी मंडी के बड़े थोक व्यवसाई मरमाला रेट पर सामान बेचते हैं हम लोगों को जैसे मिलता है वैसे ही लिया कर उस पर ₹5 किलो रखकर फुटकर में बेचते हैं