रिजेक्ट हूऐ सामुदायिक संस्कार भवन को जल्द चालू करने की मांग

मात्र 8 साल के अंदर तीस लाख रुपए से ऊपर की लागत से बने सामुदायिक संस्कार भवन को रिजेक्ट किए जाने की जांच व कड़ी कार्रवाई की मांग
चोपन संवाददाता
अशोक मद्धेशिया
आप लोगों को बताते चलें चोपन आदर्श नगर पंचायत अपने विकास कार्यों को लेकर जाना जाता रहा है। लेकिन उससे भी ज्यादा विकास कार्यों में अनिमितता और भ्रष्टाचार को लेकर भी नगर पंचायत चोपन विख्यात है। बात की जाए तो हर साल होने वाले टेंडर की तो उसमें भी सेटिंग से ही सब काम होता आया है। जिसका जितना बड़ा सेटिंग उसको उतना बड़ा काम। बड़े काम को ठेकेदार कैसे भी अंजाम दे उनके उस काम को पास करना अधिकारी और जेई की मज़बूरी है। अब ये किस प्रकार की मजबूरी है ये तो जांज का विषय है। जांच हो या न हो सभी को भली-भांति पता है कि नगर पंचायत में ठेके का काम किस स्तर पर और किस तरह से होता है।
चोपन नगर में एक भी मैरिज हाल न होने पर यहाँ की आम जनता की समस्या को देखते हुए काली मंदिर के प्रांगड़ के पास संस्कार भवन का निर्माण कराया गया था। सन 2009 से बनना शुरू हुआ और सन 2011 में इसका उद्घाटन करके चोपन की जनता के सेवा के लिए खोल दिया गया। शादी-विवाह और अन्य प्रकार के कार्यक्रमों को शुल्क लेकर देने के लिए बनाया गया था। इसको बनाते समय इसकी लागत 15 लाख रुपए थी और बाद में 15 लाख से बढ़ाकर इसकी लागत 30 लाख कुछ रुपए हो गई। लागत में बढ़ोतरी किस कारण हुई ये आज तक पक्के रूप से किसी को पता नहीं चल पाया। अगर 15 लाख किसी भी काम के लिए राशि रखी जाती है तो इसका बकायदे सर्वे होता है कि अमुक काम में कितने की अनुमानित राशि लग जायेगी और उसके बाद भी कुछ रुपये ज्यादा का ही टेंडर निकाला जाता है। जिसमे ठेकेदार को घाटा न सहना पड़े। फिर भी काम के दौरान एक निश्चित राशि दुगनी हो जाती है ये समझ से परे है। इसके बावजूद यह संस्कार भवन मात्र 8 सालों में जर्जर स्थिति में हो गया। कई बार सरकारी धन से रिपेयरिंग करने के बाद भी इस भवन को सुचारू रूप से नगर पंचायत चालू नहीं कर पाया। तत्पश्चात नगर पंचायत में इसको रिजेक्ट कर नोटिस चस्पा करके बुकिंग के लिए मना कर दिया। मात्र 8 साल में इतना पैसा लगने के बावजूद यह भवन जर्जर कैसे हो गया यह जांच का विषय है और जांच उपरांत निर्माण करते समय जो अधिकारी थे और ठेकेदार सब पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
भाजपा मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह कहां की एक लिखित शिकायत पत्र देकर जल्द कम समय में रिजेक्ट हुए संस्कार भवन का जिलाधिकारी की देखरेख में जांच की मांग करते हुए दोषी व्यक्तियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है और जल्द से जल्द संस्कार भवन को जीवित करने का अनुरोध किया है। जिससे आस-पास के लोगों को शादी-विवाह के कार्यक्रम को कराने में आसानी हो।