*मौत को दावत देते डग्गामार वाहन*

*मौत को दावत देते डग्गामार वाहन*
सलखन (सरफुद्दीन)थाना क्षेत्र में यातायात नियमों की धज्जियां किस कदर उड़ाई जा रही हैं। इसका अंदाजा जुगैल थाना क्षेत्र के रोड पर चलने वाले डग्गामार वाहनों को देखने से ही पता चल जाता है। इन वाहनों में अंदर तो सवारियां भूसे की तरह भरी ही जाती हैं। बाहर से ऊपर-नीचे इतने लोग लटकाए जाते हैं कि वाहन ढक जाता है। पता ही नहीं चलता है कि यह कोई वाहन जा रहा या कोई चलता-फिरता पिरामिड जा रहा है।बेलगड़ी,से चोपन और ओबरा, सेमिया, नेवारी, चाडम, गुरूरचाकाडी, भरहरी, बदाईन, इत्यादि रूट में सैकड़ों डग्गामार वाहन चल रहे हैं। जुगैल थाना क्षेत्र के कई गांवों की ओर चलने वाले डग्गामार वाहन इस कदर सवारियां भरकर चलते हैं कि वाहन भी दिखाई नहीं देते। सिर्फ वाहन में यात्री ही नजर आते हैं। ताजुब तो इस बात का है ऐसे डग्गामार वाहनों का रोजाना का यही रवैया है। फिर भी इन पर कोई उंगली उठाने वाला नहीं है। डग्गामार वाहनों के मालिक व चालक इतने बेखौफ होकर सवारियां बैठाते हैं कि उन्हें पुलिस व एआरटीओ किसी की भी चिंता नहीं रहती है। चिंता हो भी क्यों। क्योंकि इन डग्गामार वाहनों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसलिए उनके हौसले बुलंद हैं और यातायात नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाने का काम बदस्तूर जारी है। ऐसा नहीं कि जिस स्थानों से ये वाहन ठसाठस सवारियां बैठाकर चलते हैं वहां पर पुलिस नहीं रहती है। पूरे दिन कस्बे की पुलिस वहीं पर चक्कर काटती रहती है। और थाने के दरवाजे से प्रति दिन गुजरती है मगर मजाल की कोई पुलिस वाला वाहन चालक को गलत तरीके से सवारियों को वाहनों में ऊपर बैठाने या आगे पीछे लटकाने को मना कर दें। मौत का सामान ढोने वाले इन वाहन स्वामियों को यात्रियों की जान की जरा भी परवाह नहीं है। उन्हें तो सिर्फ धन की चाहत है। इसी कारण एक चक्कर में इतना कमाना चाहते हैं कि जिनता संभव ही नहीं है। उक्त डग्गामार वाहनों को सड़क पर आते-जाते देखकर लोग दांतों तले उंगली दबाकर रह जाते हैं। ग्रामीणों की माने तो पुलिस प्रशासन आंख बंद करने के लिए वाहनों से मुंह मांगा दाम लेती है। लगता है स्थानीय थाना प्रशासन किसी बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहा है बड़ी घटना होने के उपरांत ही तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई करेगी।