*लंबी बीमारी के बाद राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक डॉ विजेंद्र सिंह की मौत, शोक
सोनभद्र चोपन
संवाददाता
अशोक मद्धेशिया
*सोनभद्र करमा*-शिक्षा के क्षेत्र में जिले में देश में नाम रोशन करने वाले शिक्षक डॉ विजेंद्र प्रताप सिंह का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को आज तड़के निधन हो गया आपने अपने जीवन काल में हिंदी को बढ़ावा दिया। आपका कहना था कि हिंदी हमारी मातृभाषा ही नहीं बल्कि देश की धरोहर भी है हिंदी भाषा का महत्त्व भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी है मोती सिंह इंटर कॉलेज धौराहरा के संपादक एवं हिनौता कर्मा मिर्जापुर के निवासी डॉ विजेंद्र सिंह का स्काउटिंग के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी गहरी रुचि थी वर्ष 2015 में शिक्षा जगत में अच्छे कार्य प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 500000 का चेक मेडल व प्रशस्ति पत्र दिया गया था शिक्षा शास्त्र में पीएचडी के साथ-साथ 1980 से अब तक स्काउटिंग के क्षेत्र में कई पदों पर कार्य कर चुके थे वर्तमान समय में आदिवासी इंटर कॉलेज सिल्थम में प्रधानाचार्य के पद पर आसीन थे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जगत में 2016 में 17 वें जंबूरी में मैसूर में विभिन्न देशों जापान इंग्लैंड कोरिया जावा सुमात्रा श्रीलंका जैसे देशों में स्काउटिंग के प्रतिनिधियों के बीच हिंदी भाषा में महत्व पर प्रकाश डाला था उनका कहना था कि अच्छे भविष्य के लिए भाईचारा की भावना रखना आवश्यक है
इन्होंने अंग्रेजी की कहानी विक्रमादित्य का शौर्य, नाई की कहानी, गौरव सेन की कहानी, का हिंदी में अनुवाद कर हिंदी साहित्य को बढ़ावा दिया था जंबूरी सम्मेलन में अंग्रेजी भाषी के लोगों को समझाने व बोलने का कार्य करते रहे हैं उनके असामयिक निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई