ग्राम देवी मंदिर का वार्षिकोत्सव बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में संपन्न
सोनभद्र , बसंत पंचमी के सुअवसर पर ग्राम चकसारनाथ स्थित ग्राम देवी मंदिर का वार्षिकोत्सव बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम माता रानी की पूजा पाठ विधि विधान व वैदिक रीति रिवाज, घंटे घड़ियाल व शंख के साथ किया गया, कार्यक्रम के मुख्य यजमान पंडित जी० एस० तिवारी ने सपत्नीक मातारानी का पूजा पाठ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत माता रानी की पूजा पाठ के उपरांत रामचरित मानस के सुन्दर कांड पाठ का आयोजन मंदिर के मुख्य पुजारी हरी शंकर तिवारी के देख रेख में वाद्य यंत्रो के साथ शुरू किया गया। कार्यक्रम शुरू होते ही ग्राम चकसारनाथ व आस पास के सैकड़ो की संख्या सारे भक्त गण मंदिर प्रांगण में जमा हो गए और सुन्दर कांड मानस पाठ में तल्लीन हो गए और बीच बीच में जैकारे लगाने लगे, उक्त कार्यक्रम लगभग चार घंटे चला, इसके उपरांत हवन में आहुति दी गई जिसमे गांव की भलाई, तरक्की व शांति के लिए सभी भक्तो ने हवन में आहुति दी तथा मातारानी के गगनचुम्बी खूब जैकारे लगाए ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे पूरा गांव भक्ति में सरोबार हो गया। बसंत पंचमी पर्व के महत्व के बारे में रेखांकित करते हुए मुख्य पुरोहित पंडित विवेक तिवारी ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन ही भगवान ब्रह्मा जी के जिह्वा से वाणी, ज्ञान और बुद्धि की देवी माता सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए उनकी पूजा की जाती है, और इसी दिन लक्ष्मी जी का भी जन्मदिन भी माना जाता है; इसलिए इस तिथि को ‘श्री पंचमी’ भी कहा जाता है। कार्यक्रम समापन के तत्पश्चात उपस्थित सभी मातारानी के भक्तो को प्रसाद वितरित किया गया सभी भक्त ख़ुशी ख़ुशी अपने घर गये। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विप्र नाथ ओझा, लालजी शुक्ल, मतावरण शुक्ल,लालता प्रसाद शुक्ल,शिव प्रसाद शुक्ल, वंशीधर शुक्ल, राधेश्याम पांडे, मुँसब शुक्ल,जयशंकर शुक्ल, हरी शंकर शुक्ल,,राजपति शुक्ल, भगौती प्रसाद तिवारी,घनश्याम शुक्ल, तूफानी शुक्ल,राजेश्वरी शुक्ल, दीनानाथ शुक्ल,बटुक शुक्ल, मातिवार शुक्ल, आशा राम शुक्ल, गेल्हर मौर्या,सुरेश मौर्या आदि उपस्थित रहे।