उत्तर प्रदेश

अब एक पेड़ काटने के लिए लगाने होंगे 10 पौधे

(विनय सिंह चंदेल)
विकास के नाम पर प्रतिबंधित पेड़ी की अंधाधुंध कटान जारी
मामला सड़क निर्माण सहित जल जीवन मिशन की कार्यदायी संस्थाओं का
वैनी-सोनभद्र।जलवायु परिवर्तन के दौर में वन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण के नियमों में सख्ती बढ़ा दी है। काटने से प्रतिबंधित देसी प्रजातियों के कारण पर्यावरण में जैव विविधता भी संरक्षित होगी। इसके साथ अब एक हरा पेड़ काटने पर दस पौधे लगाने और उसे वृक्ष का आकार लेने तक संरक्षित करना होगा। इसी तरह प्रतिबंधित वृक्षों में पहले छह प्रजातियां थीं। अब 29 प्रजातियां हो गईं हैं।

ये हैं प्रतिबंधित श्रेणी के पेड़
जंगल वृक्ष संरक्षण अधिनियम में हुए संशोधन के बाद शीशम, सागौन, आम, नीम, महुआ, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, पलाश, बेल, चिरौंजी, रीठा, कुसुम, असना, जामुन, कंधा, अर्जुन, बीजासाल, भिलावा, तून, सलई, हल्दू, बाकली, धौ, खैर, कैथा, इमली, खिरनी आदि काटना प्रतिबंधित किया गया है।
दस पेड़ लगाने होंगे
अब हरा पेड़ काटने के लिए मामले में 10 नए पौधे लगाने के साथ ही उनका संरक्षण करना होगा। इसके लिए वन विभाग को शपथपत्र भी देना होगा। वन विभाग की टीम इसकी निगरानी करेगी। जंगल वृक्ष संरक्षण अधिनियम में हुए संशोधन के बाद 29 प्रजातियों के पेड़ों पर यह शर्त लागू किया गया है। इसके साथ ही आज्ञा शुल्क के रूप में 200 रुपये प्रति पेड़ जमा करने होंगे। जमानत राशि भी एक हजार रुपये प्रति पेड़ से बढ़कर दो हजार रुपये कर दी गई। यह राशि एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट) किसान बंधपत्र आदि माध्यम से जमा करनी होगी

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