त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 131 सीटें आरक्षित करने की उठाई मांग

जनजातियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
म्योरपुर(सत्य पाल सिंह)त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण की मांग को लेकर जनजातियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा।भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामदुलार सिंह की अगुवाई में पहुंचने वाले प्रतिनिधिमंडल ने जनपद की कुल आबादी का 20.67% आदिवासी होने के हिसाब से आरक्षण की मांग की है।डीएम को दिए ज्ञापन मे प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जनपद सोनभद्र प्रदेश सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या का जिला है जहां आदिवासियों की कुल जनसंख्या 385018 है जो जिले की कुल संख्या 1862559 का 20.67% है।कहा पूर्ववर्ती सरकार वर्ष 2015 में गलत ढंग से प्रधान व सदस्यों का आरक्षण निर्धारित कर दी जिसके कारण जिले में मात्र 28 पद प्रधान के लिए जनजातियों के लिए आरक्षित हुए जबकि जनसंख्या के आधार पर कुल ग्राम पंचायतों 637 का 20.67% कुल 131 ग्राम पंचायतें होती हैं।कहा कि पूर्व की सरकार की गलत आरक्षण नीति के कारण जनपद महाराजगंज में .60% जनजातियों के लिए 11 ग्राम पंचायतें, सिद्धार्थनगर मे .46% जनजातियों के लिए 11 ग्राम पंचायतें, कुशीनगर में 2.30% जनजातियों के लिए 40 ग्राम पंचायतें आरक्षित कर दी गई, जिनमें क्रमश 3, 11 एवं 17 ग्राम पंचायतें पूरे 5 वर्ष तक रिक्त रह गई।कहा सर्वाधिक जनजाति जनसंख्या वाले जिला सोनभद्र में जनजातियों को उचित आरक्षण सुविधा न मिलने के कारण बाहरी व्यक्तियों को ग्राम प्रधान बनने का अवसर उपलब्ध होता है।जिसके कारण बाहरी जनप्रतिनिधि बनकर आदिवासियों का शोषण करते हैं।वर्ष 2019 में जुलाई माह में ग्राम पंचायत मूर्तियां का उम्भा नरसंहार कांड इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।कहा सरकार के सांख्यिकी आंकड़ा प्रपत्र वर्ष 2011 एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश सामान्य निर्वाचन 2015 व उसके पश्चात हुए उपचुनाव के बाद भी 31 ग्राम पंचायतों का प्रधान विहीन रहना या आवश्यकता बताने के लिए पर्याप्त है कि अनुसूचित जनजातियों को उनका अधिकाधिक प्रतिनिधित्व सर्वाधिक जनसंख्या बाहुल्य जनपद सोनभद्र में दिया जाना जरूरी है।प्रतिनिधि मंडल में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामदुलार सिंह गौड़ के साथ ओबरा विधायक संजय गौड़ समेत बड़ी संख्या में जनजाति समुदाय के लोग मौजूद रहे।