किशोरी की संदिग्ध मौत के मामले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख सहित चार पर मुकदमा,सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप
चंदौली जिले के बबूरी थाना क्षेत्र की किशोरी की 12 जून को सोनभद्र में लाश मिली थी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था, साथ ही किशोरी का पोस्टमार्टम नहीं किया। परिजनों ने न्यायालय में गुहार लगाई थी। जिसके बाद पाक्सो कानून के तहत गठित विशेष न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया
चंदौली जिले के बबुरी थाना क्षेत्र निवासी किशोरी गुड़िया (काल्पनिक नाम) की रहस्यमयी मौत के मामले में न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। इनमें चकिया के पूर्व ब्लॉक प्रमुख शिवेंद्र सिंह सहित दो नामजद और एक अज्ञात है। सभी के खिलाफ हत्या, सामूहिक दुष्कर्म सहित अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है
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किशोरी की संदिग्ध हालत में सोनभद्र में शव मिलने के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी ने भी कई बार जांच की मांग उठाई थी, लेकिन पुलिस इससे कतराती रही। पॉक्सो कानून के तहत गठित चंदौली की विशेष अदालत के आदेश पर पुलिस को झुकना पड़ा और बबुरी थाने में पूर्व प्रमुख शिवेंद्र प्रताप उसके करीबी अजय पाठक और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
12 जून को बबुरी थाना क्षेत्र निवासी किशोरी घर से निकली लेकिन रात तक वापस नहीं लौटी। परिजनों के अनुसार, सोनभद्र जिले की सुकृत पुलिस ने फोन कर बताया कि किशोरी गंभीर अवस्था में मिली है। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। बगैर पोस्टमार्टम के किशोरी के शव को प्रवाहित कर दिया गया।
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इस मामले में पुलिस और चिकित्सकों पर भी आरोप लगे। पुलिस पर हीलाहवाली का आरोप लगा जबकि सोनभद्र के सरकारी चिकित्सक पर आरोप है कि बगैर पोस्टमार्टम उसने मौत का कारण जहर का सेवन बताया। किशोरी के दादा ने आरोप लगाया कि उसकी पोती अजय पाठक के यहां झाडू पोछा करने जाती थी। उस दिन भी वह अजय पाठक के घर ही गई थी। लेकिन वहां से सोनभद्र कैसे पहुंची यह रहस्य है।
यह भी बताया कि दोनों आरोपित पूर्व प्रमुख और अजय पाठक अपने वाहन से किशोरी का शव लाने सोनभद्र गए थे। किशोरी के शव पर भूसा लगा था, जिससे साफ था कि उसकी मौत स्वाभाविक नहीं थी। आरोप यह भी कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद किशोरी को जहर दिया गया था।
पीड़ित परिवार ने थाने से लेकर पुलिस के आलाधिकारियों तक गुहार लगाई लेकिन ऊंचे रसूख के चलते आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अंत में मृतका के दादा ने न्यायालय में गुहार लगाई।पाक्सो कानून के तहत गठित विशेष न्यायालय के आदेश पर बबुरी थाने में पूर्व प्रमुख शिवेंद्र सिंह, अजय पाठक और एक अज्ञात के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।