पति-देवर को 10-10 साल की कैद

सास को सात साल का कारावास
– सरिता देवी हत्याकांड का मामला
सोनभद्र(राजेश पाठक)अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय नेत्रपाल सिंह की अदालत ने बृहस्पतिवार को दहेज हत्या के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषियों पति महेंद्र कुमार चौधरी व देवर धर्मेंद्र कुमार चौधरी को 10-10 साल की कैद एवं 5-5 हजार रुपये अर्थदंड वहीं सास कौशिल्या देवी को सात साल का कारावास एवं 3 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक ओबरा थाने में 12 मई 2017 को दी तहरीर में चोपन निवासी राजेन्द्र प्रसाद उर्फ बब्बू ने अवगत कराया है कि उसने अपनी बेटी सरिता देवी की शादी करीब 3 साल पूर्व ओबरा निवासी महेन्द्र कुमार चौधरी के साथ किया था। शादी के बाद से ही सरिता को उसका पति, देवर व सास द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। इसकी जानकारी सरिता ने मायके वालों को दिया। बाद में समझा बुझा कर सरिता को राजी कर लिया। वह तहरीर पड़ने के एक सप्ताह पूर्व अपने मायके आयी थी। उसका देवर धर्मेंद्र 11 मई 2017 को विदा कराकर ले गया और 12 मई 2017 को सूचना मिली कि सरिता फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। जब ओबरा परियोजना अस्पताल पहुंचा तो बरामदे में उसकी लाश पड़ी थी। इस तहरीर पर पति, देवर व सास के विरुद्ध दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना पुलिस ने किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में विवेचक ने चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर पति महेंद्र कुमार व देवर धर्मेंद्र कुमार को 10-10 साल की कैद एवं 5-5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं सास कौशिल्या देवी को सात सस्ल की कैद एवं 3 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।