पांच दिवसीय श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन पाण्डेय ने श्रोताओं को रामकथा में बाललीलाओं की सुन्दर झांकी प्रस्तुत की

सोनभद्र ।सदर तहसील के ग्राम कबरी में पं0 विद्याधर इण्टर कालेज के प्रांगण में हो रहे पांच दिवसीय श्री राम कथा ज्ञानयज्ञ के आज तीसरे दिन मानस माधुरी श्री मती सुनीता पाण्डेय ने श्रोताओं को रामकथा की ज्ञान गंगा में स्नान कराते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के बाललीलाओं की सुन्दर झांकी प्रस्तुत की ।उन्होंने बताया कि गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है ।ज्ञान प्राप्त करने के लिए गुरु के पास जाना परमावश्यक है यहीं शिक्षा संसार वालों को देने हेतु परम ज्ञान तत्त्व स्वरुप भगवान् श्री राम भी ज्ञान प्राप्त करने के लिए गुरु के पास गए ।
“गुरुगृह पढन गए रघुराई।अल्पकाल विद्या सब आई ।।” चौपाई के माध्यम से गुरु के महत्ता को समझा रही थी ।धनुष यज्ञ वर्णन में “जाकी रही भावना जैसी। प्रभु मूरत देखी तिन्ह तैसी ।।
के माध्यम से उन्होंने बताया कि भगवान् श्री राम अपने सुन्दर रूप में यज्ञशाला में खड़े है,वहाॅ उपस्थित सभी उन्हें अपनी- अपनी रुचि के अनुसार देख रहे थे ।जिसके मन में जैसी भावना होती है, भगवान् उसे उसी रूप में दिखाई देते है ।
तत्पश्चात कथा सम्राट बाल व्यास श्री मुरारी जी शास्त्री ने मंगलवार के मंगल अवसर पर कलयुग में भी पृथ्वी पर उपस्थित होकर अपने भक्तों की रक्षा करने वाले मंगलमूरत मारूति नन्दन की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि हनुमान जी मंगल की मुर्ति है तथा समस्त अमंगलों का नाश करने वाले है “मंगल मूरत मारुति नन्दन ।सकल अमंगल मूल निकंदन ।”हनुमान की भक्ति की खोज कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि सीता जी भक्ति, अंगद पुरुषार्थ, सभी वानर सद्गुण तथा हनुमान जी विश्वास स्वरूप है ।सीता की खोज में समुद्र के तट पर जब सद्गुण स्वरूप वानर तथा पुरुषार्थ स्वरुप अंगद हार मान लेते है तब विश्वास स्वरूप हनुमान जी कार्य सिद्धि में समर्थ हो पाते है ।श्रोतागण एकाग्रचित्त होकर कथा के समापन तक ज्ञान गंगा का अमृत रसपान कर रहे थे कार्यक्रम में अध्यक्ष नन्दगोपाल पाण्डेय, संचालक श्रवण कुमार पाण्डेय,राकेश देव, अरविंद पाण्डेय, श्री संजय देव ,श्रीअवधेश सिंह, आनन्द (मोनू) देव पाण्डेय , बृजेश पाठक,दयाशंकर पाण्डेय सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे ।