विधि विधान से हुई माँ प्रथम शैलपुत्री का पूजा

दुद्धी(रवि सिंह)सोनभद्र| आज चैत्य नवरात्र के दिन क़स्बा स्थित प्राचीन माँ काली मंदिर में सुबह से ही घंट घड़ियाल गूँजने लगें, श्रद्धालुओं की भीड़ माँ प्रथम शैलपुत्री स्वरुप को दर्शन पूजन उमड़ने लगी| भक्तजनों ने गर्भ गृह के बाहर से ही माँ के दर्शन पूजन कर नारियल , चुन्नी , लाइचीदाना गुड़हल के फूल चढ़ाते हुए घी व कपूर के दीप जलाकर मन्नतें मन्नतें मांगी| इसके बाद श्रद्धालुओं ने प्राचीन नीम के पेड़ के नीचे विराजमान माँ शीतला का भी बड़े ही आस्था से पूजन अर्चन किया| श्रद्धालुओं ने घंट घड़ियाल को बजाते हुए माँ के जयकारे लगाते हुए गर्भ गृह की परिक्रमा की और कोविड महामारी से पूरे विश्व को उबारने की कामना की |इसके बाद श्रद्धालुओं ने प्राचीन शिवाला मंदिर ,अघोर सेवा सदन रामनगर कलकली बहरा माँ दुर्गा मंदिर,विष्णु मंदिर ,संकट मोचन मंदिर ,पंचदेव मंदिर में जाकर विभिन्न देवी देवताओं का पूजा किया|