‘लेखक गांव’ बनाए जाने की सुखद सूचना पर साहित्यकार हर्षित

केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं जाने माने साहित्यकार व पत्रकार डॉक्टर रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के अनूठे प्रयास की गीतकार डॉ रचना तिवारी ने की सराहना, दी बधाई
सोनभद्र। देश के शिक्षा मंत्री एवं साहित्यकार व प्रखर पत्रकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी के द्वारा एक अनोखी पहल की जा रही है ,देहरादून में उनके प्रयास से एक लेखक गांव बसाया जाएगा ।यह जानकारी देश की जानी मानी गीतकार डॉ रचना तिवारी ने सोमवार को दूरभाष पर एक साक्षात्कार में दी। कवयित्री डॉक्टर रचना तिवारी की माने तो लगभग 65 पुस्तकों के रचनाकार डॉ निशंक जी की साहित्यिक एवं राजनीतिक जीवन गाथा गांव से शुरू होकर संसद तक पहुंचने की एक अनोखी कहानी है। डॉ निशंक जी द्वारा मौलिक रचनाकारों के प्रकृति प्रेम और शांति की ज़रूरत को ध्यान में रखकर बसाये जाने वाले लेखक गांव की सराहना देश प्रदेश से लेकर विदेश तक मे हो रही है ।
पोलैंड विश्वविद्यालय से सुधांशु शुक्ला जी की माने तो यह योजना असली रचनाकारों का सम्बल बनेगी और साहित्यकारों का पुराना सम्मान स्थापित करेगी । डॉक्टर रचना तिवारी ने बताया है कि
“शांति निकेतन ट्रस्ट फार हिमालया” के तत्वाधान में रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर डॉ राजेश नैथानी द्वारा निशंक जी के लेखक गांव की घोषणा की गई । लेखक गांव में कोई भी रचनाकार जिसके पास जगह न हो वो वहीं रहकर अपना साहित्य सृजन कर सकता है अथवा कुछ दिन के प्रवास में शांति और प्रकृति का सानिध्य प्राप्त कर सकता है ।लेखक गांव की घोषणा के बाद देश के तमाम मनीषियों ,लेखकों,कवियों और पत्रकारों में हर्ष है । गीतकार रचना तिवारी ने उत्तराखंड की पावन भूमि पर बनाये जाने वाले लेखक गांव को धरती पर सृजन का स्वर्ग कहकर सराहना की है। इस अनोखे प्रयास के लिए साधुवाद व्यक्त कर साहित्यिक प्रयास के प्रति डॉ निशांत जी का आभार व्यक्त किया है। वही जनपद के वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने इसे देश की पहली सोच कहकर खुशी जाहिर की इसके अलावा साहित्यकार डॉ परमेश्वर दयाल पुष्कर, विजय विनीत, भोलानाथ मिश्र, सुशील राही, शिवनारायण शिव, दिवाकर द्विवेदी मेघ, सरोज कुमार सिंह और सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र आदि ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं साहित्य व पत्रकारिता से लबरेज डॉक्टर रमेश पोखरियाल ‘ निशंक’जी के प्रयास को अनूठा बताते हुए साहित्यकारों के लिए इसे मील का पत्थर साबित होने की बात कही है और वेहद प्रसन्नता व्यक्त की है।