0 कानपुर उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के दावों की गुरुवार रात सारी असलियत सामने आ गई। हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची तीन थानों पुलिस टीम अपनी ही सुरक्षा नहीं कर सकी और सीओ, एसओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए। गोली लगने से पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक एसओ का प्राइवेट ड्राइवर घायल है। इसमें होमगार्ड की हालत गंभीर है। सूबे में यह पहली बार है, जबकि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वाले शहीद हुए है। घटना की मुखबिरी का शक पुलिस पर ही है। इसकी जांच कराई जा रही है। पुलिस ने घटना के करीब सात घंटे बाद सुबह हुई मुठभेड़ में विकास दुबे के चचेरे भाई और मामा को मुठभेड़ में मार गिराया है। विकास के पीछे एसटीएफ और पुलिस की कई टीमें लगी हैं। आइजी मोहित अग्रवाल ने विकास पर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया है। घटनास्थल पहुंचे डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि पुलिस की शहादत का जल्द हिसाब चुकता होगा। बदमाशों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गांव दबिश के दौरान शहीद आठ पुलिसकर्मियों के पार्थिव शरीर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम करीब चार बजे पुलिस लाइन पहुंचकर पुष्पचक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शहीद सभी आठ पुलिस जवान के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही शहीदों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी और आश्रित को असाधारण पेंशन का लाभ दिया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि पुलिस जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। इस घटना में दोषी किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। उसे कानून के दायरे में कठोर से कठोर सजा दिलाई जाएगी। 20 पुलिसकर्मियोंं के दबिश देने की पहले से खबर पा चुके विकास और उसके साथियों ने घात लगाकर अत्याधुनिक हथियारोंं से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। जान बचाकर जो पुलिसकर्मी गांव के अंदर की गलियोंं में भागे, उन्हें बदमाशोंं ने गोली मार दी। घटना के करीब घंटे भर बाद जब कानपुर से एडीजी जयनारायण सिंह, आइजी मोहित अग्रवाल व एसएसपी दिनेश कुमार पी भारी-पुलिस बल के साथ पहुंचे तब पुलिस गांव में घुस पाई। अभी विकास के पीछे एसटीएफ लगी है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा है। घटनास्थल पहुंचे डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि पुलिस की शहादत का जल्द हिसाब चुकता होगा। बदमाशोंं को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। विकास दुबे पर 2003 में श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का इल्जाम लगा था। उसके खिलाफ गवाह ही नहीं मिले और वह छूट गया। विकास पर कुल 52 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें तमाम में वह ऐसे ही बरी हो चुका है। लग गई थी पुलिस के आने की भनक, जेसीबी लगाकर रास्ता किया बंद : कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 38 किमी दूर चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे के खिलाफ पड़ोसी गांव मोहनी नेवादा के राहुल तिवारी ने एक जुलाई को अपहरण और जान से मार देने के प्रयास की तहरीर दी थी। गुरुवार रात सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा शिवराजपुर, चौबेपुर और बिठूर थानाध्यक्षोंं के साथ 20 पुलिसकर्मियोंं की टीम को लेकर गिरफ्तार करने पहुंचे थे। विकास को इसकी पहले ही भनक लग गई और उसने घर के पहले जेसीबी लगाकर रास्ता बंद करा दिया। पुलिस टीम ने गाडिय़ां छोड़कर जेसीबी से जैसे ही कदम आगे बढ़ाए, छतोंं पर घात लगाए बैठे विकास दुबे और उसके साथियोंं ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी। अचानक हुए हमले से नहीं संभल सकी पुलिस, जान बचाने को इधर-उधर भागे : अप्रत्याशित हमले में पुलिस संभल भी न सकी। एसओ शिवराजपुर और चौकी इंचार्ज मंधना गोली लगने पर जान बचाने के लिए विकास के मामा के घर की ओर गए, वहां दरवाजे नहीं खोले गए। इस बीच बदमाशोंं ने छत से उतरकर उन्हें वहीं शहीद कर दिया। इस बीच, सीओ और दूसरे पुलिसकर्मी भागते हुए गांव के अंदर गलियोंं में पहुंचे। तभी, दूसरी ओर से छतोंं से गोलियां चलने लगीं। सभी एक बाथरूम में घुसे, तभी सामने वाले घर से भी गोलियां बरसने लगीं और पांच पुलिसकर्मी यहीं शहीद हो गए। सीओ देवेंद्र गलती से भागकर पहुंच गए दुर्दांत के मामा के घर : सीओ देवेंद्र मिश्रा भागते हुए एक घर में कूदे, लेकिन दुर्भाग्य से यह घर विकास के मामा का था। हत्यारोंं ने उनको यहीं गोली मार दी। हैरानी की बात यह भी कि इतने बड़े अपराधी के घर दबिश के पहले पुलिस ने सुरक्षा के उचित उपाय भी नहीं किए थे। करीब पौन घंटे बंद जब कानपुर से अतिरक्त पुलिस फोर्स पहुंची तब कहीं पुलिस गांव में दाखिल हो सकी। चारोंं तरफ खून ही खून बिखरा पड़ा था। किसी भी कीमत पर अपराधी बख्शा नहीं जाएंगे : पत्रकार वर्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिनभर की ड्यूटी के बाद अपराधियों और माफिया के खिलाफ जारी पुलिस के अभियान के तहत ही पुलिस टीम छापा मारने गई थी। जिन लोगों ने घटना को अंजाम दिया है, उन्हें कानून के दायरे में कठोर से कठोर सजा दी जाएगी। किसी भी कीमत पर अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना को अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गईं हैं, जो छापेमारी कररही है। पुलिस मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गए हैं और हमारे जवानों से छीने गए असहलों में कुछ बरामद हो गए हैं। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करा रहे घायल पुलिसकर्मियों से भेंट की। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों को उनकी बहादुरी पर सराहा तथा हौसला भी बढ़ाया। उनके साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ ही शीर्ष पुलिस अधिकारियों को तैनात कर दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि अब यह अधिकारी तभी कानपुर से वापस जाएंगे जब तक यह टीम विकास दुबे को पकड़ नहीं लेती या फिर मुठभेड़ में धराशाई नहीं कर देती है। उन्होंने पुलिस कर्मियों की हत्या को लेकर सख्त आदेश दिए और कहा कि सभी आला अधिकारियों से कहा है कि जब तक हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे खत्म ना हो जाये तब तक घटनास्थल पर ही कैम्प करें। दरअसल इस घटना से अपराधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस नीति को खुली चुनौती दी है। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर अपनाते हुए बेहद गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुबह जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला उन्होंने पुलिस के आलाधिकारियों को सख्त निर्देश देकर तुरन्त कार्रवाई करने को कहा, आनन-फानन में एडीजी ला एण्ड आर्डर प्रशांत कुमार को घटना स्थल रवाना किया गया।