उत्तर प्रदेश

पॉक्सो एक्ट: दोषी रविन्द्र को 10 साल की कैद

25 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद
-जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी
– चार साल पूर्व नाबालिग लड़की के साथ किया था मुंह काला
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने चार साल पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को सुनवाई कर दोषी रविन्द्र को दोषसिद्ध पाकर 10 साल की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित रहेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक करमा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 11 जुलाई 2017 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग लड़की 9 जुलाई 2017 को दोपहर बाद तीन बजे दिन में घर से पोखरे पर जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन वह देर शाम तक घर नहीं आई। तब उसका पता लगाने के लिए पोखरा पर गया तो लोगों ने बताया कि उसकी बेटी ऑटो से बैठकर गई है। हर सम्भावित जगहों पर खोजा गया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। उसे पूर्ण विश्वास है कि उसकी बेटी को करमा थाना क्षेत्र के जोगिनी गांव निवासी रविन्द्र पुत्र बेचन भगाकर ले गया है। इस तहरीर पर पुलिस ने अपहरण, दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर रविंद्र के विरुद्ध विवेचक ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रविन्द्र को 10 साल की कैद एवं 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि एवं सत्यप्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने बहस की।

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