उत्तर प्रदेश

*खनन मजदूरों को रोजगार और आदिवासियों को मिले वनाधिकार।*

अशोक मद्देशिया

क्राइम जासूस

*भाकपा का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मुलाकात कर खनन क्षेत्र में चल रहे मशीनों पर तत्काल रोक लगा कर पंरपरागत मजदूरों को रोजगार दिलाने की किया मांग ।*
सोनभद्र। सोमवार को जनपद के आदिवासियों और खनन से जुड़े पंरपरागत मजदूरों के सवाल को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा के नेतृत्व पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी महोदय से मुलाकात किया ।
जहां भाकपा नेताओं ने कहा कि जनपद का अधिकांश क्षेत्रफल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है इस जनपद में मूलतः हजारों हजार की संख्या में वन क्षेत्र पर आश्रित और दैनिक मजदूर निवास करते हैं। वर्तमान समय में यह हालात है कि इन आदिवासी, वनवासी और परंपरागत मजदूरों को दर दर की ठोकरें खाने के लिए विवश किया जा रहा है। जनपद के भिन्न-भिन्न इलाके में वन विभाग के लोगों के द्वारा इन आदिवासी, जनजाति के लोगों की जोत कोड़ वाली पुस्तैनी ज़मीनों पर अतिक्रमण करते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने का लगातार धमकी और प्रयास भी किया जा रहा है, कभी कभार तो इनके खेतों में तैयार फसलों को भी जेसीबी जैसी मशीनों से नष्ट कर दिया जाता है। कुछ ऐसे ही हालात जनपद के खनन क्षेत्र से जुड़े पंरपरागत मजदूरों हजारों परंपरागत मजदूरों का भी है , जनपद के खनन क्षेत्र में इन मजदूरों को दर किनार करते हुए और शासनादेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए पूरे क्षेत्र में जेसीबी पोकलेन जैसी भारी-भरकम मशीनों का बेखौफ इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे दैनिक मजदूरों में रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है जो अपने व अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए अन्य शहरों की ओर रोजगार की तलाश में तेजी से पलायन करने को विवश हैं और उनमें शासन प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्थिति कभी भी भयावह हो सकती है और जनपद का आदिवासी वनवासी और असंगठित मजदूर कभी भी सड़क पर उतर सकता है। ऐसे स्थिति को रोकने के लिए हम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लोग पत्थर, बालू , मोरम जैसे सभी खनन क्षेत्र में चल रहे मशीनों पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हैं और खनन क्षेत्र के जुड़े हजारों परंपरागत मजदूरों को रोजगार दिलाने जानें की मांग करते हैं। भाकपा के प्रतिनिधिमंडल ने आदिवासियों के लिए वनाधिकार कानून का जनपद में मुस्तैदी से पालन कराते हुए यहां के आदिवासी समाज को इस कानून का अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाएं जाने की मांग को भी प्रमुखता से उठाया और कहा कि उपरोक्त सवालों पर जल्द ही सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और उसके सहयोगी जनसंगठनों के द्वारा आदिवासियों और खनन मजदूरों के सवालों पर बड़े आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे । इस दौरान प्रतिनिधि मंडल में अशोक कुमार कनौजिया (एडवोकेट) , अतुल कुमार सिंह (एडवोकेट) नौजवान सभा के नेता दिनेश्वर वर्मा और खनन मजदूरों के नेता वेद प्रकाश दूबे शामिल रहे।

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