पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति ने पौधरोपण कर मनाया विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कहा बन्द हो काश्तकारी के नाम पर कटान परमिट।
पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति ने पौधरोपण कर मनाया विश्व पर्यावरण दिवस
आवेदकों के जमीन की हो जांच कि पेड़ उसने लगाए या सर्वे में जंगल की जमीन अपने नाम कराये।
दुद्धी(रवि सिंह)स्थानीय क़स्बा स्थित गांधी स्मारक निधि आश्रम में आज पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया।समिति के लोगों ने गोष्ठी कर पर्यावरण के वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई।पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि इस समय काश्त के नाम पर जंगल मे वृक्षो की अन्धाधुन्ध कटान से पेड़ो से आच्छादित घने जंगल की घनत्व दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है,इसमें विभागीय संलिप्तता भी बीच बीच मे उजागर होती रहती है।अभी इसका ताजा उदाहरण लॉक डाउन के दौरान म्योरपुर के खाटाबरन से 107 पेड़ सागौन कटने की है।अगर इस मामले की जांच लखनऊ की टीम ने कहीं किया होता तो दोषी रेंजर पर कार्रवाई भी नही होती।समिति के अध्यक्ष अवधनारायण यादव ने कहा कि वृक्ष लगाने से ज्यादा जंगल बचाना जरूरी है।अगर पेड़ो की कटान आज से रुक जाए और जंगल की जमीन पर कब्जा ना हो तो पुनः सोनभद्र के अंतिम छोर पर स्थित रेनुकूट वन प्रभाग घने जंगल में तब्दील ही जाएगी।प्रवक्ता प्रभु सिंह कुशवाहा ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए कास्तकारी के आड़ में जंगल से पेड़ो की कटाई कर तश्करी रोकना होगा।इसके लिए विभाग काश्त की परमिट पर भी रोक लगाए जिससे हेराफेरी रुक सके।जंगल की जमीनों से अवैध कब्जों को खाली कराकर उन स्थानों पर पुनः पौधरोपण कर उसे हरा भरा बनाया जाए। सचिव जितेंद्र चंद्रवशी ने कहा कि वृक्षों के बगैर जीवन की कल्पना संभव नहीं है ,ये जगंल ही हमारे हृदय व मन व शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते है और प्रत्येक व्यक्ति को माह में एक बार सघन जंगल की सैर करनी चाहिए जिससे मन हरा भरा हो सके।
साथ ही साथ पेड़ो के कटान पर भी निगरानी बनी रह सके।
मीडिया प्रभारी दीपक जायसवाल ने कहा कि अगर हम अपनी अनमोल धरोहर रेनुकूट वन प्रभाग का जंगल नहीं बचा सके तो हमारा जीना बेकार है हम आने वाली पीढ़ियों को मुँह दिखाने के काबिल नहीं बचेंगे।इस पर जागरूकता फैलानी की जरूरत है।हमारे रेनुकूट वन प्रभाग के जंगल पर पूर्वांचल के वन माफियाओं की नजर है जो स्थानीय स्तर पर भी क्षेत्र में कई शागिर्द बना रखे है।इसका उपाय यही है कि विभाग अब कोई कटान परमिट ही जारी ना करें और जो आवेदन ले कर आये उसके जमीन की जांच हो कि क्या ये पेड़ उसी ने लगाए थे या जंगल की जमीन अपने नाम कर काश्त बता रहा है।
इसके बाद पर्यावरण प्रेमियों ने तहसील पहुँच कर तहसीलदार ब्रजेश कुमार वर्मा को उपजिलाधिकारी के नाम 9 सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर पर्यावरण प्रदूषण से निजात दिलाने की मांग की।इस मौके पर अवधनारायण यादव , जितेंद्र कि चंद्रवंशी , प्रभु सिंह ,रामपाल जौहरी ,नंदलाल अग्रहरि ,राहुल , कुलभूषण पांडेय ,प्रेमचंद्र यादव ,अवधेश जायसवाल, युमंद अध्यक्ष त्रिभुवन यादव ,विष्णुकांत तिवारी मौजूद रहें।