उत्तर प्रदेश

डीएफओ ने बासीन में पाया 13 बीघा वनभूमि पर कब्जा,वनकार्मियों को लगाई फटकार

डीएफओ ने बासीन में पाया 13 बीघा वनभूमि पर कब्जा,वनकार्मियों को लगाई फटकार

 तत्काल कब्जा खाली कराने का को दिए निर्देश,बासीन में 5 हेक्टेयर के भूमि पर होगा प्लांटेशन

खबर को संज्ञान ले विंढमगंज रेंज के कई बीट किया दौरा ,जानी जमीनी हकीकत

दुद्धी(रवि सिंह)सोनभद्र:विंढमगंज वन रेंज में वन भूमि पर कब्ज़ा व पेड़ो की हो रही कटान की बार बार प्रकाशित खबर का संज्ञान ले डीएफओ एमपी सिंह ने विंढमगंज रेंज के चार बीटों का तूफानी दौरा किया।सर्वप्रथम सुईचट्टान में पेड़ो व पौधों को काटकर कब्जा की दृष्टि खाली किये भूमि पर खोदे जा रहें बोना नाली के कार्य को देखा व आवश्यक दिशानिर्देश वनकार्मियों को दिए ।इसके बाद हरनाकछार, करहिया ,छोटा बासीन ,बड़ा बासीन के वन क्षेत्र का जायजा लिया।घोड़ादाहा नाले में कटे पेड़ो के ठूठों को पुराना बताया वहीँ कुछ नए पेड़ो के कटान पर पूर्व में केस कट जाने की बात कही।

इसके बाद करहिया देखते हुए बासीन पहुँचे जहां दो भाइयों द्वारा 13 बीघा वन ( सवा 3 हेक्टेयर) वन भूमि पर कब्जा होना पाया।इस पर डीएफओ ने नाराजगी जाहिर की ,रेंजर ने डीएफओ को बताया कि दो लोग मनजीत व उमेश दोनों पुत्र रामनरेश के खिलाफ वन अधिनियम में केस काटा गया है।इस पर उन्होंने संबंधित रेंजर को अविलंब कब्जा खाली कराने के निर्देश दिए।डीएफओ से वनकार्मियों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कहीं कटान व कब्जे की शिकायत मिलेगी तो बीट के वन कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। डीएफओ ने बताया कि बासीन में 10 बीघा वन भूमि पूर्व व 3 बीघा वन भूमि दो भाइयों ने जोती है।कुल 13 बीघा भूमि को खाली करवाने की कवायद शुरू कर गयी है ,आरोपी भाइयों के खिलाफ केस काटते हुए विभाग ने उक्त भूमि में बोना नाली खोदवाने का कार्य शुरू कर दिया है।उक्त स्थल पर 5 हेक्टेयर पैच तैयार कर वन भूमि पर प्लांटेशन कराया जाएगा।सुईचट्टान में खाली पड़े वन भूमि पर 1200 बोना नाली खोदा जा चूका है।उक्त स्थल पर वन भूमि कब्जा कर रहें 10 लोगों के खिलाफ विभाग ने केस काटा है और एफ आई आर भी दर्ज कराया है।सभी कब्जाधारी फुलवार के है।घिचोरवा से बासीन पहुँचे डीएफओ जोरकहु हो जाते तो कुछ और पाते

दुद्धी | पर्यावरण कार्यकर्ताओ का कहना है कि प्रभागीय अधिकारी घिचोरवा से बासीन पहुँचे अगर वे जोरकहु से होकर जाते तो जोरकहु से बासीन तक सैकड़ो बीघा वन भूमि पर और कब्जा व कटान पाते।रेंज के वनकर्मी अपने कलई खुलने के डर से उन्हें दूसरे रुट से ले गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button