क्या है मंकी पाक्स ? क्या है लक्षण ? सीएमओ ने क्या बताया
नूरूल होदा खान। गाजीपुर
गाजीपुर –मुख्य चिकित्साधिकारी, गाजीपुर ने बताया है कि विश्व के कुछ देशों में मंकी पाक्स नामक बीमारी कर प्रसार हो रहा है। जनपदवासियों के हित में इस बीमारी से सम्बन्ध में जानकारी प्रकाशित करना आवश्यक है। जिसमें मंकीपाक्स एक वायरस जूनोटिक बीमारी है, जो कि स्व समिति होती है यह बीमारी मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्ण कठिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में होती है। कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में भी रोग का प्रसार संसूचित किया जाना है जिसके बचाव हेतु इस बीमारी के लक्षण सामान्यतः चेचक से मिलते जुलते है जोकि 2-4 सप्ताह तक प्रदर्शित होते है। इस बीमारी में मरीज को बुखार, चकत्ते सूजी हुई लिम्फनोड और बदन दर्द पाया जाता है। कैसे पैदा होता है यह संक्रमित जानवरों से जानवरों तथा मानवों अथवा संक्रमित मानव से मानव में होता है। यह बीमारी श्वसन नली, ऑख, नॉक, मुह, कटी-फटी त्वचा, चकत्तों के छूने एवं शारीरिक स्त्राव से फैलता है इसके बचाव हेतु लक्षणयुक्त मरीज/जानवरों से सम्पर्क में जाने से बचें, हाथों को साबुन एवं पानी अथवा सेनेटाइजर से नियमित अन्तराल पर स्वच्छ रखें, मास्क का प्रयोग करें, अधपके/कच्चे मांस का सेवन न करें जिसके उपाय हेतु इस लक्षण पर तत्काल निकट के सरकारी स्वास्थ्य ईकाई पर संपर्क करें अथवा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के आई0डी0एस0पी0 विभाग से सम्पर्क कर अपना इलाज करायें। किसी भी झोला क्षाप चिकित्सक से इलाज न करायें। ज्यादातर मरीजों में यह बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है। बहुत ही कम ऐसे मरीज होते है जिसमें जटिलता पाई जाती है। जोकि अधिकांश इजाल के बाद ठीक हो जाता है।