उत्तर प्रदेशसोनभद्र

मोरंग माफिया अवैध खनन में मदमस्त प्रशासन के तेवर पस्त।

सोन सेंचुरी एरिया में अवैध बालू खनन पर रोक के बावजूद मुख्यमंत्री का आदेश बेअसर।

अशोक मदेशिया
संवाददाता
चोपन/सोनभद्र। सेंचुरी एरिया सोन नदी में चौरा गांव, बिजोरा, अगोरी से अवैध बालू खनन बालू माफियाओं द्वारा प्रशासन के बिना डर भय के धड़ल्ले से किया जा रहा है उत्तर प्रदेश शासन के राजस्व को प्रतिदिन लगभग कई लाख रुपए के राजस्व की हानि हो रहा हैं, खनन विभाग,वन विभाग, स्थानीय प्रशासन के लिए चौरा गांव के बालू माफिया चुनौती बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार नियंत्रण, अपराध नियंत्रण, अवैध खनन नियंत्रण, नशा नियंत्रण की कितने भी दावे कर लें लेकिन बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का सीमावर्ती जिला सोनभद्र जो सोनांचल के नाम से प्रसिद्ध है सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जिले के सोन नदी को दबंग बालू माफिया अपने स्वार्थ सिद्ध के लिए दिन-रात पोकलेन और बड़ी-बड़ी जेसीबी मशीनों से अवैध बालू खनन कर नदी को छलनी किए जा रहे हैं,सोन नदी के सेंचुरी एरिया सहित चौरा, बिजोरा, अगोरी क्षेत्र में बालू माफिया द्वारा पूर्ण रूप से सक्रिय होकर एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर दिन-रात बेखौफ होकर बालू निकालें जा रहें हैं । बालू निकलती हैं 3 नं० से और परमिट कटता हैं 1 नं० से सीमा से बढ़कर नदी के बीच धारा से आगे बढ़कर करगरा सीमा में जंगलों में बोल्डर का रास्ता बना कर अवैध बालू खनन किया जा रहा है और यह काम न्यू इंडिया मिनरल्स कंपनी द्वारा किया जा रहा है तथा अवैध बालू उत्खनन का पूरा काम प्रशासन के नजरों के सामने हो रहा हैं, जिससे यह विदित होता हैं कि खनन विभाग, स्थानीय पुलिस प्रशासन,राजस्व विभाग और वन विभाग का बालू माफियाओं से अच्छी सॉठ-गॉठ हैं सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामवासियों का कहना है कि सीमा से बाहर जाकर अवैध बालू खनन किया जा रहा है।समाचार पत्रों में खबर लगने पर प्रशासन अपनी नाक बचाने के लिए दिखावे के तौर पर 1-2 पोकलैन मशीन और 1-2 हाईवा, पड़कर खानापूर्ति कर देती हैं, जब विभाग द्वारा अवैध साइडों पर छापेमार कार्यवाही की जाती है तो विभाग के अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही अवैध बालू उत्खनन में लगी हुई बड़ी-बड़ी पोकलेन ,जेसीबी मशीनें और सैकड़ों हाईवा, ट्रक, डंपर, टीपर वहां से गायब कर दिए जाते हैं जो प्रशासन के सॉठ-गॉठ के बिना संभव नहीं है ।

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