पनारी ग्राम पंचायत के कागजों में सिमट कर रह गया “एक गांव एक बाग” ग्राम प्रधान मस्त , ग्रामीण त्रस्त

अनिल जायसवाल
डाला सोनभद्र – विकास खण्ड – चोपन के ग्राम पंचायत पनारी का ऐसा मामला जहां एक गांव एक बाग के तहत कार्य दिखावा ही रह गया। शासन ने लाखों खर्च विकास के लिए गांव को देखते हुए किया लेकिन सब कागजो में ही सिमट कर रह गया।
ग्राम पंचायत पनारी का टोला कुम्हिया जो वाराणासी शक्तिनगर स्टेट हाइवे से लगभग 14 किलोमीटर जंगल मे आदिवासी परिवार का एक छोटा सा टोला है। जहां विकास तो छोड़ ग्राम प्रधान व सचिव अपनी खानापूर्ति करने के काम में ही इस टोले को लेते हैं। कुम्हिया टोले में एक एक गांव एक बाग के तहत सैकड़ो फलदार बृक्ष लगा कर बागवानी की व्यवस्था की गई थी। जो भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गया। देखा जाय तो आज के समय मे केवल सोलर वाटर चल रहा है जिससे ग्रामीणों को पानी उपलब्ध हो जाता है।
इस सम्बंध में ग्रामीणों ने बताया कि बिना देख रेख के बाग उजड़ गया। शिकायत पर सुबिधा की जगह केवल डांट पड़ती है। हम गरीब आदिवाशी किससे कहने जांय जिम्मेदार ही भक्षक बना हो ।