ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों मेफर्जी डॉक्टरों का फैला मकड़जाल, गरीब आदिवासी झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर।
अशोक मदेशिया
संवाददाता
चोपन/सोनभद्र। जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के ग्राम चौरा, बिजोरा,करगरा, पटवध,कोन मारकुंडी,चोपन,डाला एवं ओबरा में लगने वाले हाट बाजार में कई झोलाछाप डॉक्टर भी अपनी दुकानें लगाते है लोगों का कहना है कि यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं है, ऐसे डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है यहां काम करने वाले स्वास्थ्य रक्षक का कहना है कि झोलाछाप डॉक्टर यहां बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं जब भी कोई सरकारी अधिकारी कर्मचारी दौरे पर आते है तो ये भाग जाते है। या उस दिन झोलाछाप डॉक्टर डिस्पेंसरी बंद करके देते हैं इतने बड़े पैमाने पर चल रहे झोलाछाप डॉक्टरों के धंधे पर स्वास्थ्य विभाग भी नकेल कसने में नाकाम नज़र आ रहा है। ये डॉक्टर यहां के आदिवासियों की जान से तो खेल ही रहे है वहीं ये इलाज के नाम पर लूट खसोट भी कर रहे है।
इस प्रकरण पर सीएमओ से भी चर्चा किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं झोलाछाप डॉक्टरों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करूंगा।मीडिया के बात करने के बाद सीएमओ की ये प्रतिक्रिया थी तो इतने दिनों से क्षेत्र की जनता के लिए क्या किया, ये बड़ा सवाल है। प्रदेश सरकार आदिवासी हित मे कई जनकल्याण कारी योजनाए संचालित कर रही है मगर इन योजनाओं का लाभ गरीब आदिवासियों को नही मिल पा रहा है क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव आज भी है वहीं बड़े अफसोस की बात यह हैं सूबे के लोकप्रिय मुख्यमंत्री सदैव स्वास्थ्य का स्तर सुधारने लगे हैं लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों का ध्यान भी इस और नही है। क्या कारण है यह अत्यंत सोचनीय विषय हैं।