नहीं रुक रहा हैं ट्रैक्टर से बिना पर्ची (54) नंबर बोल्डर का परिवहन,खनन विभाग,वन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन मौन क्यूं।
मात्र कुछ दिन पूर्व में चोपन फ्लाई ओवर पर लोहा लगे ट्रैक्टर से हुई बाईक सवार की मौत से स्थानीय प्रशासन सबक लेते हुए ट्रैक्टर से बॉर्डर परिवहन पर रोक लगाएं।

अशोक मदेशिया
संवाददाता
चोपन/सोनभद्र। थाना क्षेत्र अंतर्गत इन दिनों प्रतिदिन दिन लगभग पचासों चक्कर बिना पर्ची के (54) नंबर बोल्डर का परिवहन बालू साइडों पर सड़क के लिए ट्रैक्टर से खनन-विभाग वन-विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के बिना डर-भय धड़ल्ले से ढुलाई किया जा रहा है इसके बावजूद सभी मौन क्यूं है यह समझ से परे हैं।
आपको अवगत कराते चले इन दिनों प्रतिदिन ओबरा,बारी-डाला के खदानों से ट्रैक्टर से मुख्य मार्केट राजमार्ग चोपन बजार से होते हुए बिना पर्ची के (54) नंबर बोल्डर की ढुलाई बालू साइडों पर सड़क बनाने के लिए ढुलाई जोरों से किया जा रहा हैं। बालू ठीकेदारों द्वारा रुपया कमाने के चक्कर में सोननदी की बीच धारा को मोड़कर बोल्डर से सड़क बनाकर जलीय जीव-जंतु के साथ प्राकृतिक रुप अन्याय किया जा रहा हैंजो सरासर खनन, पर्यावरण अधिनियम के विरुद्ध हैं। जिससे नदी में पलने वाले जलीय जीव-जंतु का जीवन संकट में है।
इसके बावजूद पर्यावरण विभाग, वन विभाग,खनन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन मौन हैं। सूत्रों की मानें तो इसके एवज में ट्रैक्टर मालिकों द्वारा तयशुदा माहवारी जाता हैं तभी तो सभी मौन हैं।
मजे की बात यह है कि कृषि कार्य में परिवहन विभाग से पंजीकृत ट्रैक्टर से किस नियम के तहत बोल्डर होने दिया जा रहा है और ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन द्वारा कारवाई करते हुए रोक क्यूं नहीं लगाया जा रहा है।
इस प्रकरण पर उच्चाधिकारियों को संज्ञान में लेते हुए स्थानीय प्रशासन को आदेशित कर ट्रैक्टर से बोल्डर परिवहन पर रोक लगाया जाना आवश्यक है जो उत्तर प्रदेश शासन की भी मंशा है। जिससे भविष्य में ट्रैक्टर से होने वाले एक्सीडेंट हो रहे मौत को रोका जा सकें एवं जलीय जीव-जंतु के समक्ष उनके जीवन का खतरा उत्पन्न ना हो।