महलपुर भगवा बालू साइड पर खुल्लेआम उड़ाई रही हैं एनजीटी के नियमों की धज्जियां,क्यूं मौंन हैं खनन-विभाग,वन-विभाग एवं स्थानीय प्रशासन।
अशोक मदेशिया
संवाददाता
चोपन/जुगैल/सोनभद्र। उत्तर प्रदेश की कमान संभालते ही लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी जी ने पूर्व की सरकारों हुए भ्रष्टाचार को देखते हुए कई बड़े फैसले लिए गए जिनमें एक विभाग खनन विभाग को अपने पास रखना और माफियाओं को उनके सही जगह भेजना था। मुख्यमंत्री जानते थे कि खनन किसी अन्य के पास गया तो सरकार पर आंच आना तय है।साथ ही उन्होंने अवैध खनन की रोकथाम करने को लेकर बड़े-बड़े आदेश भी जारी किए हैं।बावजूद इसके खनन विभाग द्वारा उन आदेशों को दरकिनार कर बड़े पैमाने पर अवैध खनन को बढ़ावा दिये जाने के साथ खनन नियमों की खुल्लेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।ऐसा ही मामला वर्तमान में महलपुर भगवा में चल रहे वीरा कंस्ट्रक्शन कंपनी के बालू खदान पर साफ दिखाई दे रहा है।जहां सुरक्षित वन क्षेत्र से अवैध तरीके से बालू उठाया जा रहा है।खदान से गुजरने वाले बालू लदे वाहन भी वन क्षेत्र की भूमि से ही गुजर रहे हैं। मामले की सूचना प्रभागीय वन अधिकारी ओबरा को भी दी जा चुकी है।वहीं उक्त खदान पर एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पट्टा धारक द्वारा नदी की धारा को रोककर नाव तथा सेक्शन मशीन आदि लगाकर बालू निकाला जा रहा है।इसके चलते जलीय जंतुओं का अस्तित्व भी खतरे में आ चुका है।इसके पूर्व भी उक्त खदान पर अवैध खनन को लेकर जुर्माना किया जा चुका है। बावजूद इसके अभी तक अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पाना खनन विभाग की मिलीभगत को दर्शाता है।अब देखना है कि जिला प्रशासन द्वारा इस तरह के खनन कर्ताओ पर कब तक प्रभावी रुप से नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए ठोस कार्यवाही की जाएगी।