भगोड़े टीचरों के आगे शिक्षा बिभाग नतमस्तक
बग्घा सिंह /असफाक कुरैशी
बीजपुर(सोनभद्र) म्योरपुर शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत जरहा न्याय पंचायत के दर्जनभर परिषदीय विद्यालयों में तैनात भगोड़े टीचरों के आगे शिक्षा महकमा नतमस्तक हो गया है तो इन विद्यालयों में पढ़ कर अपना भविष्य संवारने वाले आदिवासी बच्चों का जीवन बर्बाद हो रहा है। शनिवार को जानकारी लेने पर महुली गाँव के कम्पोजिट विद्यालय में तैनात टीचर धर्मेंद्र यादव और संगीता स्कूल में 20 दिन पहले से गायब बताया गया। वहीं जरहा के टोला बघाडू प्राथमिक स्कूल से धीरेंद्र प्रताप सिंह 15 दिन से घर गए हुए हैं।नेमना समथरहवा विद्यालय में तैनात महिला टीचर नीलम गुप्ता एक साल से अधिक समय से गायब हैं। गायब टीचरों का विद्यालय में कोई कारण दर्ज नही है। हॉ इतना जरूर बताया गया कि महुली में तैनात धर्मेंद्र यादव बनारस और लखनऊ में रियल स्टेट का कारोबार करते हैं अधिकांश समय वहीं रहते हैं। बघाडू के धीरेंद्र प्रताप सिंह तीन चार महीने में कभी कभी आते जरूर है लेकिन सोनभद्र बीएसए आफिस और म्योरपुर बीआरसी आफिस से लौट जाते हैं। सूत्रों के अनुसार जरहा न्याय पंचायत में दर्जनभर से अधिक अध्यापक घर बैठे सरकार से लाखों रुपये वेतन उठा रहे हैं और बदले में अपना ब्यवसाय और कारोबार सम्हाल रहे हैं। मजेदार बात तो यह है कि सेटिंग गेटिंग इतनी मजबूत है कि गायब टीचरों की हाजिरी लग रही है और समय से वेतन भी खाते में आ रहा है।अभिभावक गायब इन अध्यापकों के क्रिया कलाप से त्रस्त हैं बिभाग में शिकायत पर शिकायत हो रही है लेकिन महकमा पंगु बना है। एबीएसए देवमणि पांडेय कहते हैं जांच चल रही है कब तक चलेगी ? क्या कार्रवाई होगी ऐसे भगोड़े टीचरों पर तो फोन कट कर दिया जाता है।