उत्तर प्रदेशसोनभद्र

गाजीपुर। सेवराई तहसील के अंतर्गत उसिया गांव में जलसा दस्तारबंदी हुआ संपन्न

 

नूरुल होदा खान। गाजीपुर

हाफिज ए कुरान को धर्म गुरुओं द्वारा पगड़ी बांध कर उन्हें प्रमाण पत्र दे कर सम्मानित किया गया।
स्थानीय तहसील क्षेत्र के ग्राम उसिया स्थित दारुल उलूम अहले सुन्नत फैंजूर रसूल , उसिया ग़ाज़ीपुर के प्रांगण में वृहस्पतिवार को इत्तेहाद मिल्लत कांफ्रेंस व जल्सें ए दस्तार बन्दी प्रोग्राम का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें उक्त मदरसे से कुरान हिफ़्ज़ करने की शिक्षा प्राप्त कर चुके दस हाफिज ए कुरान को धर्म गुरुओं द्वारा पगड़ी बांध कर उन्हें प्रमाण पत्र दे कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना रियाज हुसैन शम्सी व अब्दुल मोबीन नोमानी मिसबाही आजमगढ़ ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कारी इमरान ने तिलावते कुरआन से किया। आए वक्ताओं ने मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत फैजुर रसूल के उसिया दस्तारबंदी आकिब रजा, फैसल रजा, मोज्कीर हुसैन, रहमत अली, अशरफ़ रजा, अब्दुस सलाम, नूर आलम, शाबीर रजा,ताजदार अशरफ, महमूद रजा को फूल माला पहनाकर कर सम्मानित किया गया।

 

इस कांफ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हज़रत अल्लामा व मौलाना मुफ्ती अलहाज मोहम्मद निजामुद्दीन रजवी बरकाती किबला ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बुजुर्ग वली ईश्वर के काफी निकट होते है। जिनसे ईश्वर अथाह प्रेम करता है। उसी मनुष्य को ईश्वर की निकटता की प्राप्ति होती है जो ईश्वर के आदेशों का पालन करता है।उन्होने कहा कि वली ईश्वर की प्रसन्नता के लिए सब कुछ त्याग कर न सिर्फ उसकी भक्ति में लीन रहते है बल्कि उसके आदेशों के पालन करते हुए मानव कल्याण का कार्य करते हैं।हम ईश्वर के वलियों से प्रेम करते है औऱ उनके मार्गदर्शन का अनुसरण करते है।इस लिए हमें चाहिए कि मानव समाज की कल्याण के लिए निरन्तर प्रयास करते रहें। मानव कल्याण करना ही मानव का असल दायित्व है।

अपने सम्बोधन में मुफ्ती हज़रत अल्लामा व मौलाना हारून मिसबाही ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस्लाम धर्म में मानवता की शिक्षा दी जाती है। मदरसे से शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे पूरी दुनियां में मानवता का संदेश देने के कार्य लगे रहे हैं।यह हमारी भी जिम्मेदारी है।उन्होंने कहा कि आज इंसान पर विभिन्न प्रकार की परेशानियां से घिरा हुआ है। इसका कारण मानवता के सन्देश से अज्ञानता है। वलियों व बुजुर्गों से हमारी सच्ची लगाव तभी सम्भव है जब हम उसके मार्गदर्शन का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण के कार्य करेंगे। वहीं सायर ज़फ़र कलकत्तवी, शहबाज आज़मी, शाकिब रजा, शब्बीर जमाली, ने लोगों की वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम का संचालन सुबहान अल्लाह क़ादरी कानपुरी ने की। मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत फैजुर रसूल के सदर कमेटी व शिक्षक हाजी नवाब खान, हाजी शरफराज खान,मेराज खान,वशीम खान, शाहजहां खान,कारी परवेज खान, कारी शाकिर हुसैन, मुफ्ती वसीम मिसबाही, मौलाना तौसीफ रजा सादी, मौलाना गुलाम हसनैन, मौलाना शौकत मिसबाही, मदरसा के प्रधानाचार्य मुफ्ती वसीम मिसबाही ने जल्सें में आए सभी वक्ताओं एवं ग्राम वासियों को मुबारकबाद दिया। हाफीज़ सुहैल (बाबा) मौलाना अली अकबर हाफीज़ असफाक , हाफीज़ नुरैन ,कारी हैदर, हाफीज़ साहबान, हाफीज़ आदाब,कारी वहाबुद्दीन, मौलाना सुफियान, ग्राम प्रधान शम्स तबरेज उर्फ पिंटू आदि लोग उपस्थित रहे।

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