*दलालों के चंगुल में फंसी आरटीई के तहत निःशुल्क शिक्षा योजना*

#वास्तविक पात्रों को नही मिल रहा योजना का लाभ#
दलालों के माध्यम से एक ही परिवार के दो से तीन बच्चों को मिला एडमिशन
लोगों ने बीएसए से की जांच कर कार्यवाई की मांग
असफाक कुरैशी
बीजपुर/सोनभद्र। सरकार द्वारा गरीब परिवार के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के अच्छे कान्वेंट स्कूलों में दाखिला दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा (आरटीई) विकासखंड म्योरपुर के न्याय पंचायत जरहाँ अंतर्गत ग्राम पंचायत बीजपुर में पूरी तरह से दलालो के चंगुल में फंस गई है।जनचर्चा के अनुसार कुछ दलाल शिक्षा माफिया बेसिक शिक्षा विभाग के बीआरसी एवं बीएसए कार्यालय में तैनात बाबुओं से सेटिंग-गेटिंग करके दस से बिस हजार रुपये में डीएवी पब्लिक स्कूल रिहंद नगर में दाखिला कराने का सौदा तय किया जाता है।सेटिंग गेटिंग के इस पूरे खेल में कुछ बाहरी दलालों के साथ-साथ शिक्षा विभाग में तैनात कुछ नेता किस्म के ऐसे शिक्षक भी है।जो अपने विद्यालय पर कम और बीआरसी कार्यालय पर साहब की जी हुजूरी में ज्यादा ड्यूटी बजाते है।उनकी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार सत्र 2022-23 में सेटिंग गेटिंग के तहत जिनके बच्चों का एडमिशन डीएवी रिहंद स्कूल में हुआ था उन्ही में से कुछ लोगो के बच्चों का एडमिशन इस सत्र 2023-24 में भी पुनः होना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि कम आय के जरूरत मंद गरीब लोगों को इस योजना का लाभ नही मिल पा रहा है बताया जाता है कि डीएवी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था अच्छी होने के कारण एडमिशन के लिए मारामारी रहती है इसी का लाभ उठाकर कुछ शिक्षा माफिया दलाल किस्म के लोगों ने गरीबो के आरटीई योजना को ही कमाई का जरिया बना लिया है।क्षेत्रीय जनता ने बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र से इस पूरे प्रकरण में संज्ञान लेकर जारी की गई बीजपुर की लिस्ट की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाई करने की मांग की है।