मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 800 करोड़ रुपये की कई योजना का किया उदघाटन।
गढ़वा/झारखंड राज्य के गढ़वा जिला अंतर्गत नगर उंटारी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 800 करोड़ रुपये की कई योजना का किया उदघाटन।आज बुधवार को देर शाम दो दिवसीय राजकीय श्री बंशीधर महोत्सव का शुभारंभ सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, पेयजल मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने दीप जलाकर किया। इससे पूर्व सीएम ने करीब 800 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जल्द ही राज्य में शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए 25000 शिक्षकों की बहाली की जाएगी। श्री बंशीधर महोत्सव पहला नहीं है। राज्य के हर धार्मिक स्थलों के संरक्षण में लगे हुए हैं। सदियों से यह शहर नगर उंटारी के नाम का गाना गाते रहा है। हम लोगों ने इसमें एक कड़ी जोड़ने का काम किया है। आज यह उत्सव बाबा बंशीधर के नाम से सरकार मना रही है।
जिला प्रशासन की ओर से एक किताब छपवाया गया है। जिसमें सरकार के द्वारा कौन सा विकास कार्य किया जा रहा है और कौन सा नहीं, इसकी सारी जानकारी है। यह किताब राज्य के हर जनप्रतिनिधि के घर पहुंचना चाहिए। ताकि उन्हें पता चले कि सरकार क्या कर रही है। पहले की सरकार में कागज पर योजनाएं बनती थी और कागज पर ही समाप्त हो जाती थी। पर अब योजनाएं धरातल पर उतर रही है। सरकार बनते ही 2 वर्ष कोविड-19 में गुजर गया। मौका मिलते ही हमने आपके दरवाजे तक पदाधिकारियों को भेजकर आपकी समस्याओं को जानने का काम किया। कैंप के माध्यम से ऐतिहासिक निर्णय लिया जो राज्य के हर बुजुर्ग, विधवा व दिव्यांगों को पेंशन देने का कानून बनाया। राज्य बनने के 20 साल तक पेंशन के लिए हमारे बुजुर्ग, विधवा व दिव्यांग दर-दर भटकते रहे, पर पेंशन नहीं मिला।
हमने निर्णय लिया कि जिस दिन से कोई महिला विधवा होती है, उसी दिन से उसे पेंशन दिया जाए। हमारी पहली प्राथमिकता सामाजिक सुरक्षा है। : जब तक सामाजिक सुरक्षा मजबूत नहीं होगा, राज्य का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है। हमारी सरकार बनने से पहले राज्य में शिक्षा का खस्ताहाल था। हमने शिक्षा को सुदृढ़ बनाने का कार्य किया। राज्य में 80 उत्कृष्ट विद्यालय का शुभारंभ किया है। जिसमें 3 विद्यालय गढ़वा का शामिल है। पहले की शिक्षा व्यवस्था क्या थी हमारे समझ से परे है। शिक्षा के साथ राज्य में भद्दा मजाक किया गया है। आज रोजी रोजगार पर आफत है। 80 प्रतिशत लोग सरकारी अनाज पर जीवित हैं। ऐसे में हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की सोचा।
बिरसा हरित योजना शुरू किया। जिसका लाभ लोग ले रहे हैं। जिनके पास जमीन नहीं है वे सरकारी जमीन में पौधा लगाएं। जब तक पौधा रहेगा जमीन आपका रहेगा। रांची के तपोवन में 14 करोड़ व देवड़ी मंदिर के विकास में 7 करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति दिया। लोग झारखंड को खनिज संपदा के नाम से जानते हैं। इस सोच से परे हमने पर्यटन के रूप में पहचान दिलाने का काम किया। 20 वर्ष में पहली बार राज्य आगे बढ़ रहा है। राज्य की मूल आत्मा गांवों में बसती है। इसका जड़ जब तक मजबूत नहीं होगा, तब तक राज्य मजबूत नहीं होगा। पशुपालन के क्षेत्र में 90 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। दूध के क्षेत्र में क्रांति लाना मुख्य उद्देश्य है। जिसको जो काम करना है, उसको ऋण देने के लिए सरकार पूरा दरवाजा खोल दी है।
राज्य का दुर्भाग्य है कि 50 प्रतिशत लोगों को बैंक ऋण नहीं देती है। महंगाई बेलगाम घोड़े की तरह सरपट आसमान की ओर दौड़ रहा है। संवेदनशील हैं सीएम हेमंत- बादल:- कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यदि सबसे बड़ा कोई संवेदनशील है तो वह हैं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। हर कार्य संवेदना के साथ करते हैं। इनसे बड़ा संवेदनशील कोई नहीं है। कई ऐतिहासिक फैसला लेकर राज्य वासियों के चेहरे पर खुशियां लाने का प्रयास किया है। इन्होंने एयर एंबुलस का शुभारंभ किया। ऋण माफी योजना के तहत भारी संख्या में किसानों का ऋण माफ किया। एनपीए पर भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा। बड़ी संख्या में किसानों को सुखाड़ राहत योजना का पैसा दिया गया।
816 करोड़ रुपये फसल बीमा का किसानों को भुगतान किया गया। केंद्र ने इस राज्य के किसानों के प्रति दरियादिली नहीं दिखाई, तब मुख्यमंत्री ने सुखाड़ राहत योजना का भुगतान किया।  :- आज का दिन पूरे राज्य के लिए गौरवशाली दिन है- मिथिलेश:- पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि आज पूरे राज्य के लिए गौरवशाली दिन है। यह इतिहास के सुनहरे पन्नों में लिखा जाएगा। राजकीय महोत्सव का साक्षी बनने के लिए राज्य के मुखिया आपके बीच उपस्थित हैं। पहले महोत्सव के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती रही हैं। पर उसे तब माना जाएगा जब आधिकारिक रूप में क्रियान्वित हो। अब किसी की सरकार रहे अपने निश्चित समय पर राजकीय श्री बंशीधर महोत्सव होगा।
सिर्फ जंगल झाड़ के रूप में ही नहीं राज्य की पहचान कला संस्कृति व पर्यटन के क्षेत्र में भी होगा। आज आपके सांसद व विधायकों को यहां होना चाहिए था, पर गायब हैं। इस पर आपको सोचना होगा। भानु की बात छोड़ दीजिए, उनका सोच वही है। पर सांसद राज्य के पुलिस के मुखिया थे। उनका मैं सम्मान करता हूं। उन्हें तो कम से कम आना चाहिए था। एक दल के लोग सनातन धर्म की ठेकेदारी के लिए ही सिर्फ हैं। ऐसे आयोजन पर कटाक्ष व अलग होना उनके चरित्र में शामिल है। 18 वर्ष पर सवा तीन वर्ष का विकास भारी है। गढ़वा, पलामू के लिए जो भी मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं उसे सहर्ष स्वीकार करते हैं।मौके पर पलामू डीआईजी, जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी, पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव, उपायुक्त शेखर जमुआर, उप विकास आयुक्त राजेश कुमार राय, आरक्षी अधीक्षक अंजनी कुमार झा, एसडीओ आलोक कुमार, गढ़वा एसडीओ राज महेश्वरम, रंका एसडीओ राम नारायण सिंह, एसडीपीओ प्रमोद कुमार केशरी सहित बड़ी संख्या में जिले पदाधिकारी, झामुमो के लोग, पंचायत प्रतिनिधि गण व ग्रामीण महिला पुरुष उपस्थित थे।
:- उपायुक्त ने सीएम को भेंट किया प्रतीक चिन्ह:- उपायुक्त शेखर जमुआर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शॉल ओढ़ा, एक नन्हा पौधा व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को आरक्षी अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने शॉल ओढ़ा, पौधा व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। पेयजल मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को जिला सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी सिया जानकी ने शॉल ओढ़ा, पौधा व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित कीया।