*सवारी वाहन आटो बना माल वाहन परिवहन, यातायात विभाग मौन क्यों।*
*मुख्यमंत्री जी के आदेशों का खुला उल्लंघन,संबंधित उच्च अधिकारीगण जनहित में मातहतों को सख्त निर्देश जारी करें,जिससे आटो चालकों, डग्गामार वाहनों पर अंकुश लग सके।*
अशोक मद्देशिया *क्राइम जासूस*
*संवाददाता*
चोपन/सोनभद्र। ओबरा,चोपन, डाला चलने वाले सवारी आटो प्रतिदिन मधुपुर, राबर्ट्सगंज से सवारी आटो पर उपर से नीचे तक सब्जी एवं अन्य सामग्री के साथ साथ सब्जी विक्रेता और रास्ते में इक्का दुक्का पैसेंजर भी बैठाकर परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के बिना डर भय प्रति दिन आते जाते हैं जिसे देखने के बावजूद प्रशासन मौन क्यों हैं।
आप सभी को बताते चलें कि मारकुंडी के उपर टोल टैक्स से थोड़ी दूर सम्भागीय परिवहन विभाग का कार्यालय राजकीय राजमार्ग पर स्थित है। क्या एआरटीओ को या उनके कर्मचारियों को इन आटो चालकों सवारी की जगह सब्जी लादकर या अन्य सामग्री लादकर मनमाने ढंग से चलने का पत्ता नहीं हैं या यातायात पुलिस को नहीं मालूम हैं।
इस प्रकरण पर सूत्रों की मानें तो इन आटो चालकों को गरीब समझकर प्रशासन के लोग जानबूझकर निगाह बचाते हुए इनको कुछ बोलना या कारवाई नहीं करना चाहते हैं। जिसका नतीजा यह हैं कि इन आटो चालकों मन बढ़ गया है तभी तो ऐ लोग उपर से नीचे तक सब्जी लादने के बाद यदि रास्ते सवारी मिल गई उसे खड़ा करके या बैठाके चलते हैं।कभी कभी तो ऐसा होता है कि अनट्रेंड आटो चालक किसी अन्य गाड़ी को ओवरटेक करते समय एक्सीडेंट की चपेट में आ जाते हैं।जिसके कारण ऐसे आटो में बैठै सवारी असमय काल के गाल में बिना कसूर के समा जाते हैं।
जबकि परिवहन विभाग का नियम हैं कि टैक्सी में पास या कामर्शियल वाहन चलाने के लिए चालक के पास कामर्शियल ड्राइवरी लाइसेंस होना चाहिए लेकिन जनपद में आटो चलाने वाले ज्यादातर आटो चालकों के पास प्राइवेट लाइसेंस हैं और उसी लाइसेंस पर ऐ आटो चालक कमर्शियल में पास आटो चलाते हैं।
इस पर भी एआरटीओ सोनभद्र, यातायात पुलिस को नियमानुसार एक विशेष चेकिंग अभियान इस तरह के लाइसेंस पर टैक्सी में पास वाहन को प्राइवेट लाइसेंस चालकों पर जनहित एवं नियमानुसार कार्रवाई कर सभी लाइसेंस को कमर्शियल कराने का निर्देश देना चाहिए।
जिससे भविष्य में किसी तरह की अनहोनी दुर्घटना हो तो बीमा कंपनी से सवारी या चालक के मृतक होने पर बीमा कंपनी से मुआवजा राशि लेने किसी तरह के कानूनी अड़चनों राहत मिले।