उत्तर प्रदेश

जिस हेट स्पीच केस में आज़म खान को हुई थी सजा और गई थी विधायकी उसमें हो गए बाइज्जत बरी

रामपुर / उत्तरप्रदेश।
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में बरी कर दिया है। एमपीएमएलए कोर्ट ने उन्हें राहत दी है। आपको बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में उन्हें निचली अदालत ने आजम खां को इस केस में तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।

इस सजा के खिलाफ आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट ट्रायल की कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है।

जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख किया गया है। सेशन कोर्ट के फैसले से आजम खां को बड़ी राहत मिली है, लेकिन उनकी विधायकी बहाल होने पर अभी संदेह है। क्योंकि छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी चली गई थी।

आजम खान ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसके बाद खान के खिलाफ बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज की थी। इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया है जिसके बाद उनकी सदस्यता भी रद्द हो गई थी।

कोर्ट के फैसले से पहले आजम खान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन लोअर कोर्ट का फैसला आने के कारण आजम खान की याचिका को औचित्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया गया था।
वही आजम खां ने कहा की यह 185/2019 क्राइम नंबर का मुकदमा था, जिसकी हमने अपील फाइल की थी। हमें लोअर कोर्ट से सजा मिली थी, आज अपील में सेशन कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत का जजमेंट गलत था और हेट स्पीच के मामले में बाइज्जत बरी कर दिया है। आजम खान ने कहा की हमें खुशी है कि हमें इंसाफ मिल गया है, आज न्यायालय ने हमें दोषमुक्त किया है। जो प्रॉसीक्यूशन यानी अभियोजन था, वह अपना केस साबित नहीं कर पाया। हमें झूठा फंसाया गया, हमने अपील की थी कि हमें झूठा फंसाया गया है, हमारी बात मानी गई, यह अपील हमारे फेवर में गई है. अब दोषमुक्त कर दिया है।

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