*स्थानीय जेई की तानाशाही से ग्रामीणों में रोष व्याप्त।
*एसडीओ को ज्ञापन देकर जल्द समस्या का जल्द निवारण करने की मांग,नहीं तो होगा सबस्टेशन का घेराव।*
अशोक मद्धेशिया
क्राइम जासूस
संवाददाता
चोपन/सोनभद्र।विद्युत सब स्टेशन के अंतर्गत आने वाले गड़ईडीह क्षेत्र में इन दिनों बिजली की समस्या से आम जनमानस को लगातार दो-चार होना पड़ रहा है। जिसको लेकर क्षेत्रवासियों ने कई बार स्थानीय जेई को आग्रह पत्र देकर समस्या का समाधान करने की बात कही। लेकिन जेई की तानाशाही रवैया और जवाब संतोषजनक न होने की वजह से ग्रामीण परेशान होकर एसडीओ को ज्ञापन देने पर मजबूर हो गए।
स्थानीय निवासी राहुल शर्मा ने बताया कि, जेई साहब को एबीसी तार बदलने का कई बार ग्रामीणों ने आग्रह किया, ग्रामीणों ने यहाँ तक कहा कि चंदा करके हमलोग दे रहे है, आप तार बदलवा दीजिए। चंदे की बात पर सीधे जवाब न देते हुए चंदे की बात को टाल दिए। जब दोबारा उनसे तार की समस्या बताई गई तो जेई साहब द्वारा कहा जाता है कि, स्टीमेट तैयार करने में समय लगेगा और तार लगभग 1 साल में बदला जाएगा। जेई की इन बातों से और तानाशाही रवैये से ग्रामीण काफी नाराज है।
चोपन रेलवे स्टेशन के पीछे जनपद सोनभद्र में अत्यधिक खराब एबीसी कंडक्टर वायर बदलना बहुत ज़रूरी है। उपरोक्त ग्राम निवासी विद्युत उपभोक्ताओं विगत 1 वर्षों से जुड़ा एबीसी कंडक्टर 120mm 7 से 8 दिनों से बिल्कुल जर्जर हो चुका है। कई बार चालू लाइट में आग लग जाती है, जिसके कारण आए दिन बिजली गुल हो जाती है। दुर्घटना की समस्या भी लगातार बनी हुई है, बुधवार को भी केवल फाल्ट के कारण कई घरों में विद्युत उपकरण जल गए। वही ग्रामीण जयराम यादव,सुखई चेरो,प्रमोद कुमार ने बताया कि, तार के गुजरने वाले स्थान के नीचे एक मंदिर भी स्थित है। जहां पर बड़े पैमाने पर श्रद्धालु आए दिन आते-जाते हैं, विद्युत केबल के कारण बड़ी दुर्घटना होने से जान-माल की बड़ी क्षति हो सकती है। जान-माल की क्षति न हो इसके लिए तत्काल एबीसी तार और कंडक्टर बदलना जनहित में ज़रूरी है। इन दिनों चोपन सब स्टेशन क्षेत्र में आने वाले इलाके में कटौती जोरों पर है। जेई की तानाशाही रवैये के कारण चोपन गांव, गड़ईडीह के साथ-साथ उसी फिटर में लगे कई अन्य इलाकों के उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर एबीसी तार और कंडक्टर तत्काल बदल दिया जाता है, तो कई इलाकों की बिजली कटौती की समस्या से निजात मिल जाएगा।