सोनभद्र

सिंदुरिया मार्ग गढ्ढ़े में हुआ तब्दील हुआ,लोगों में नाराजगी करोड़ों खर्च के बाद भी चोपन सिंदुरिया मार्ग,गढ्ढे मे आज भी कौन जिम्मेदार।

अशोक मदेशिया
संवाददाता
चोपन/सोनभद्र। सिंदुरिया मार्ग पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे दवा इलाज के लिए जाना इन दिनों लोगों को दुश्वार हो गया है। चोपन बैरियर से लेकर सिंदुरिया तक लगभग एक किमी सडक इन दिनों गढ्ढो में तब्दील हो गया है। जिसमे कीचड़युक्त गढ्ढे हैं जिधर देखे कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रहा है। जिससे होकर राहगीर व मरीज चलने को विवश है।जबकि उक्त सडक कुछ वर्ष पहले ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से करोड़ों रुपए की लागत से बना लेकिन बनते ही मार्ग पूरी तरह से जर्जर व गढ्ढायुक्त हो गया है।जिससे सबसे अधिक परेशानी वहाँ के निवासियों व मरीजो के साथ ही स्कूली बच्चों को झेलना पड रहा है। कभी कभी तो एम्बुलेंस भी इन रास्तों में फंस जाता है। आलम यह है कि बाइक सवार भी गीरकर चोटिल हो रहे है। हल्की बरसात होते ही पूरी सडक कीचड़ से लबालब भर जा रहा है। गढ्ढा इस कदर है कि आये दिन गाडियों का जाम लगना आम बात हो गयी है,दुकानदार व राहगीर परेशान है। स्थानीय लोगो का कहना है कि जब से इस क्षेत्र में बालू की साइटें चलनी शुरू हुई तब से हम लोग गढ्ढायुक्त कीचड़ से भरी सडक पर चलने को विवश है परंतु कोई सुधि लेने वाला नहीं है। जब उक्त समस्या से सम्बंधित स्थानीय एक युवक ने लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से शिकायत की तो लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता द्वारा गोल मटोल रिपोर्ट लगाकर अपने उच्चाधिकारियों को आख्या प्रेषित कर दी। वहीं जानकारों ने बताया कि कार्यदायी संस्था को पांच वर्ष तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी होती है। परन्तु बिगत छ माह से यह सड़क गढ्ढायुक्त है लेकिन अभी तक कोई मेंटेनेंस कार्य नहीं किया गया है। स्थानीय लोगो मे काफी नाराजगी है लोगो ने स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुये चोपन सिंदुरिया मार्ग की सड़क की जांच करवाते हुए तत्काल सही कराने की मांग की है। संवाददाता

चोपन। सिंदुरिया मार्ग पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे दवा इलाज के लिए जाना इन दिनों लोगों को दुश्वार हो गया है। चोपन बैरियर से लेकर सिंदुरिया तक लगभग एक किमी सडक इन दिनों गढ्ढो में तब्दील हो गया है। जिसमे कीचड़युक्त गढ्ढे हैं जिधर देखे कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रहा है। जिससे होकर राहगीर व मरीज चलने को विवश है।जबकि उक्त सडक कुछ वर्ष पहले ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से करोड़ों रुपए की लागत से बना लेकिन बनते ही मार्ग पूरी तरह से जर्जर व गढ्ढायुक्त हो गया है।जिससे सबसे अधिक परेशानी वहाँ के निवासियों व मरीजो के साथ ही स्कूली बच्चों को झेलना पड रहा है। कभी कभी तो एम्बुलेंस भी इन रास्तों में फंस जाता है। आलम यह है कि बाइक सवार भी गिरकर चोटिल हो रहे है। हल्की बरसात होते ही पूरी सड़क कीचड़ से लबालब भर जा रहा है। गढ्ढा इस कदर है कि आये दिन गाडियों का जाम लगना आम बात हो गयी है,दुकानदार व राहगीर परेशान है। स्थानीय लोगो का कहना है कि जब से इस क्षेत्र में बालू की साइटें चलनी शुरू हुई तब से हम लोग गढ्ढायुक्त कीचड़ से भरी सडक पर चलने को विवश है परंतु कोई सुधि लेने वाला नहीं है। जब उक्त समस्या से सम्बंधित स्थानीय एक युवक ने लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से शिकायत की तो लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता द्वारा गोल मटोल रिपोर्ट लगाकर अपने उच्चाधिकारियों को आख्या प्रेषित कर दी। वहीं जानकारों ने बताया कि कार्यदायी संस्था को पांच वर्ष तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी होती है। परन्तु बिगत छ माह से यह सड़क गढ्ढायुक्त है लेकिन अभी तक कोई मेंटेनेंस कार्य नहीं किया गया है। स्थानीय लोगो मे काफी नाराजगी है लोगो ने स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुये चोपन सिंदुरिया मार्ग की सड़क की जांच करवाते हुए तत्काल सही कराने की मांग की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button