*धूल, प्रदूषण और दुर्घटनाओं का तांडव ओवरलोड राख ढोने वाले वाहनों का मनमाना खेल*
सोनभद्र मुख्यालय 06 फरवरी 2024: शक्तिनगर-वाराणसी मुख्य मार्ग, जो कभी अपनी सुंदरता और सुगमता के लिए जाना जाता था, अब धूल, प्रदूषण और दुर्घटनाओं का केंद्र बन गया है। इसका कारण है राख ढोने वाले ओवरलोड वाहनों का मनमाना खेल।
नियमों की धज्जियां:
परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, राख ढोने वाले वाहनों का एक निश्चित भार सीमा होता है। लेकिन, शक्तिनगर में, राख ढोने वाले वाहन खुलेआम ओवरलोड किए जा रहे हैं। इन वाहनों से निकलने वाली धूल और राख सड़क पर फैल जाती है, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी होती है।
राजस्व का नुकसान:
ओवरलोड वाहनों के कारण, परिवहन विभाग को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। पुलिस भी इस मामले में आंखें मूंदे हुए है।
प्रदूषण का खतरा:
ओवरलोड वाहनों से निकलने वाली धूल और राख हवा में मिलकर प्रदूषण का खतरा पैदा करती है। यह प्रदूषण राहगीरों और वाहन चालकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
दुर्घटनाओं का खतरा:
ओवरलोड वाहनों से सड़कों पर गड्ढे और दरारें पड़ जाती हैं। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
क्या होगा समाधान?:
इस समस्या का समाधान केवल तभी होगा जब परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करे। ओवरलोड वाहनों को पकड़कर उन पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। साथ ही, राख ढोने वाले वाहनों के लिए सख्त नियम-कानून बनाए जाने चाहिए।