Sonbhadra:आधुनिकता में भी नहीं बदल पाया परिषदीय विद्यालय की रसोई आज भी लकड़ी पर पकता है यहां भोजन
सोनभद्र:एक तरफ सुबे की सरकार जहां शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करती है वहीं पर शिक्षा विभाग के कमियों का पोल खोलता हुआ यह नजारा यह पूरी घटना है जनपद सोनभद्र के अति नक्शल शिक्षा क्षेत्र नगवां के प्राथमिक विद्यालय ढोसरा का जहां पर आदिवासी क्षेत्र में आज भी सिलेंडर का विद्यालय के रसोई में उपयोग नहीं किया जा रहा है अब इसमें ग्राम प्रधान की लापरवाही कहे या फिर उस शिक्षक की जिसे भोजन बनवाने की सरकार द्वारा जिम्मेदारी मिली हुई है यहां पर आज भी बदलते जीवनचर्या के बीच भी जंगल की सूखी लकड़ियों को रसोईया द्वारा लाकर भोजन पकाया जा रहा है उसके बाद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही न किए जाने से क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है जानकारी के अनुसार बिकास खण्ड नगवां ग्राम पंचायत ढोसरा कम्पोजिट विद्यायालय लोढ़ा मे लकड़ी पर बन रहा है भोजन शिक्षा बिभाग सरकार के दिशानिर्देश का जमकर उड़ा रही है धज्जिया गैस सिलेंडर कागज पर खाना पूर्ति किया जा रहा है प्रधानाध्यापक द्वारा सरकारी धन का बंदर बाट किया जा रहा है
इनसेट…रसोइया का कहना है गैस सिलेंडर कभी नही आता है इसलिए हम लोग लकड़ी पर बच्चो का भोजन बनाती हू बिद्ययालय पर तीन रसोइया नियुक्त कि गई है आज अकेले आई हू काफी दिन से हैन्ड पम्प खराब है कुआं से पानी लाकर भोजन बनाती हू बच्चे टाट पर बैठ कर पढ़ने के लिए बिवस है अतिपिछड़ा आदिवासी बाहुल्य नगवां क्षेत्र माना जाता है जहां पर कभी गोलियों की तडतडाहट से पूरा क्षेत्र भयभीत हो जाता था उस क्षेत्र में भी शिक्षा का पूरी तरह से अलख जगाने में सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है लेकिन वहां के लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के वजह से वह व्यवस्थाएं उन बच्चों को नहीं मिल पा रही हैं जिसके वह वास्तव में हकदार हैं सरकार शिक्षा पर लाखों-लाख रुपए खर्च कर रही सरकारी धन का जमकर बंदर बाट किया जा रहा है