रिहंद जलाशय से नियम विरुद्ध मारी जा रही मछलियाँ खतरे में जलीय जीवजंतुओं का अस्तित्व
बग्घा सिंह
बीजपुर(सोनभद्र)सरकार द्वारा प्रतिबंध के बावजूद रिहंद जलाशय से पिछले जुलाई अगस्त महीने में मछलियों का कारोबार धड़ल्ले से किया गया सूत्र बताते हैं कि इस कारोबार में विभागीय मिली भगत से भी जब ठेकेदार का पेट नही भरा तो अब जुलाई और अगस्त महीने में जलाशय के अंदर छोड़े गए मछलियों के बच्चों सहित प्राकृतिक मछलियों के प्रतिबंधित प्रजाति को भी मारा जा रहा है।ठेकेदार मछली के जाल की जगह मच्छरदानी के जाल का उपयोग कर नियम विरुद्ध दो सौ ग्राम से लेकर चार पाँच सौ ग्राम वजन तक की मछलियो को पकड़ कर बेच रहा है।बताया जाता है कि जलाशय में नाव की जगह मोटर बोट से मछली पकड़ने के लिए नाबालिक युवकों को भी उतारा जाता है ऐसे में अप्रिय घटना अथवा हादसा होने पर सम्बन्धित ठेकेदार पल्लाझाड लेता है।बताया जाता है कि रिहंद डैम के शक्तिनगर खम्हरिया सिरसोती राजो मिटीहिनी महरिकला गोभा करौटी बंका सहित यूपी एमपी में कुल 17 स्थानों पर मछली निकाशी के बाद पैकिंग कर कोलकाता आसाम सहित अन्य शहरों की मंडियों के लिए भेजा जाता है।लाखों रुपए प्रतिदिन के इस मछली कारोबार में रिहंद जलाशय के पानी को दवा डाल कर दूषित किया जा रहा है जिसके कारण जलीय जीवजंतुओं के अस्तित्व खतरे में पड़ गए हैं और जलाशय का पानी जहरीला होता जा रहा है।इसबाबत मत्स्य निदेशक आरके श्रीवास्तव से जब जानकारी मांगी गयी तो उन्हों ने कहा हमको जानकारी नही है पता कराया जाएगा।