उत्तर प्रदेशसोनभद्र

दोषी गैंग लीडर व सक्रिय गैंग सदस्य के दोनो दोषी को 5-5 वर्ष की कठोर कैद

गैंगस्टर एक्ट: दोषी गैंग लीडर समेत दो को 5-5 वर्ष की कठोर कैद

* 5-5 हजार रूपये अर्थदंड , अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

* जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएग

सोनभद्र। विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर कोर्ट सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर मोहम्मद नौशाद सिद्दीकी उर्फ रेहान व सक्रिय गैंग सदस्य दीपक कुमार पनिका उर्फ दीपू को 5-5 वर्ष की कठोर कैद एवं 5-5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सिंह ने पिपरी थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 30 सितंबर 2022 को पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में था तो पता चला कि मोहम्मद नौशाद सिद्दीकी उर्फ रेहान पुत्र स्वर्गीय शमीम सिद्दीकी निवासी डूमरडीहा, थाना दुद्धी, जिला सोनभद्र का एक सक्रिय गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। इसके अलावा गैंग का सक्रिय सदस्य दीपक कुमार पनिका उर्फ दीपू पुत्र रामप्रसाद पनिका निवासी शिव मंदिर रेनुसागर, थाना अनपरा, जिला सोनभद्र के साथ अन्य सदस्य शामिल हैं। इनके विरुद्ध चोरी, धोखाधड़ी समेत कई मुकदमा विचाराधीन है। लोगों में भय पैदा कर आर्थिक लाभ हेतु कार्य करना इनका एकमात्र कार्य है। यहीं वजह है कि इनके विरुद्ध कोई भी मुकदमा लिखवाने अथवा गवाही देने की जुर्रत नहीं करता है। जिसकी वजह से इनका वर्चस्व कायम है। इस तहरीर पर 30 सितंबर 2022 को पिपरी थाने में गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज किया गया था। विवेचना के उपरांत पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में गैंग लीडर मोहम्मद नौशाद सिद्दीकी उर्फ रेहान एवं सक्रिय सदस्य दीपक कुमार पनिका उर्फ दीपू के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर मोहम्मद नौशाद सिद्दीकी उर्फ रेहान और सक्रिय सदस्य दीपक कुमार पनिका उर्फ दीपू को 5-5 वर्ष की कठोर कैद एवं 5-5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील धनंजय शुक्ला ने बहस की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button