सोनभद्र में फिर शुरू मनरेगा घोटाले की जांच, अबकी बार अधिकारियों से हुई पूछताछ
*मनरेगा अंतर्गत पूर्व में कराएं गये कार्यों में लगभग साढ़े तीन सौ का घोटाला प्रकाश में आया था।*
क्राइम जासूस
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जनपद/सोनभद्र। पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में कराए गए मनरेगा के अंतर्गत कार्यों में हुए घोटालों की कछुआ गति से चल रही जांच में मनरेगा घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है । बसपा सरकार के कार्यकाल में करीब साढ़े तीन सौ करोड़ के मनरेगा घोटाले की जांच का जिन्न एक बार फिर बाहर निकलने से हड़कम्प की स्थिति है ।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने पिछले पांच दिनों में खंड विकास अधिकारी समेत 12 कर्मियों को तलब किया है। सूत्रों की माने तो सोमवार को लखनऊ स्थित सीबीआई दफ्तर में अधिकारियों के समक्ष एक बीडीओ, तीन सचिव ने अपना बयान दर्ज कराया है । कछुआ गति से चल रही सीबीआई की जांच अब धीरे-धीरे अपना दायरा बढ़ाने लगा है। सीबीआई ने जैसे ही अपनी नकेल कसनी शुरू की घोटालेबाजों की नींद उड़ गई है ।
जिले में वर्ष 2006 से 2009 के बीच सोनभद्र के सभी 8 ब्लाकों रावटसगंज,घोरावल,चतरा, नगवां,चोपन,दुद्धी,बभनी, म्योरपुर, ब्लॉक क्षेत्र के कई गांवों में मनरेगा के अंतर्गत कराई गये कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। जैसें तालाब, सड़क, बंधी,चेकडैम,कुआएवं पुलिया आदि का निर्माण कागजों में ही करा दिया गया था। स्थानीय स्तर पर की गई शिकायत के बाद मानकों की अनदेखी और सरकारी धन के बंदरबाट का खुलासा हुआ था। लखनऊ और दिल्ली से आई नेशनल लेबल मॉनीटरों की टीम के साथ ही ग्राम्य विकास के उच्चाधिकारियों की जांच में करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला का मामला सामने आया।
इसके बाद उच्च न्यायालय के 31 जनवरी 2014 के आदेश पर जब सीबीआई ने इस घोटाले की जांच शुरू की तो सच्चाई परत दर परत खुलकर सामने आने लगी। सीबीआई टीम ने जिले में जगह जगह छापेमारी की। पूर्व में कई लोगों को सीबीआई ने तलब कर पूछताछ किया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव के कारण मामला ठंडा पड़ गया था। पिछले पांच दिनों में सीबीआई ने लखनऊ में 12 लोगों को तलब कर पूछताछ कर चुकी है। वर्तमान में घोरावल ब्लाक में हुए मनरेगा के कार्य के भुगतान को लेकर जांच की जा ही है। इक्कीस मार्च को लखनऊ में सीबीआई के समक्ष बीडीओ घोरावल समेत चार सचिवों ने बयान दर्ज कराया।
आपको बतादें कि जिले में मनरेगा के हुए घोटाले में तत्कालीन डीएम समेत कई अधिकारियों के नाम चर्चा में आए थे।
सूत्रों की माने तो घोटाले की जांच कर रही सीबीआई नेे कई अधिकारियों सें पूछताछ कर चुकी है अभी भी जांच जारी है।
ग्यारह मार्च को सीबीआई, एसीबी लखनऊ के पुलिस निरीक्षक सुरेंद्र सिंह विष्ट ने सोनभद्र के मुख्य विकास अधिकारी को पत्र भेज कर अलग-अलग तिथियो में एक बीडीओ समेत बारह लोगों को भेजने की बात कहीं थी पत्र में।